बड़ी खबर: झारखंड नगर निकाय चुनाव की प्रक्रिया तेज, 48 निकायों में मेयर-अध्यक्ष की सीटों पर आरक्षण का गणित शुरू; जानें ताजा अपडेट

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Jharkhand Urban Election 2025 को लेकर झारखंड में सियासी हलचल तेज हो गई है। राज्य के 48 नगर निकायों में प्रस्तावित आम चुनाव की तैयारियां अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। वार्डवार आरक्षण तय होने के बाद अब अगला और अहम कदम महापौर और अध्यक्ष पदों के आरक्षण को लेकर है। राज्य सरकार ने इसके लिए विस्तृत आरक्षण फॉर्मूला राज्य निर्वाचन आयोग को सौंप दिया है, जिसके आधार पर जल्द ही अंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी।

नगर निगमों में महापौर तथा नगर परिषद और नगर पंचायतों में अध्यक्ष पदों का आरक्षण झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 के तहत तय किया जाएगा। प्रक्रिया के अनुसार, सबसे पहले अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) को आरक्षण दिया जाएगा। इसके बाद शेष पदों पर पिछड़े वर्ग (BC) को आरक्षण मिलेगा, लेकिन यह कुल मिलाकर 50 प्रतिशत की संवैधानिक सीमा के भीतर ही रहेगा।

Jharkhand Urban Election 2025 में पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने के लिए ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूला अपनाया गया है। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा 2024–25 में कराए गए डोर-टू-डोर सर्वे और 2011 की जनगणना के तुलनात्मक आंकड़ों के आधार पर बीसी वर्ग की अनुमानित जनसंख्या तय की गई है। इसी अनुपात में वार्ड पार्षदों के साथ-साथ महापौर और अध्यक्ष पदों पर भी आरक्षण लागू होगा। पिछड़े वर्ग को बीसी-1 और बीसी-2 दो श्रेणियों में बांटकर प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।

आरक्षण और महिला आरक्षण के लिए रोटेशन सिस्टम लागू किया जाएगा, ताकि हर चुनाव में अलग-अलग वर्गों को अवसर मिल सके। इसके अलावा, जिन क्षेत्रों में किसी वर्ग की आबादी एक प्रतिशत से कम है, वहां उस वर्ग के लिए आरक्षण नहीं दिया जाएगा। इस व्यवस्था का उद्देश्य आरक्षण को संतुलित और व्यावहारिक बनाना है।