बांग्लादेश में हिंसा के बाद तनाव की स्थिति है और वहीं हिन्दुओं पर अत्याचार और हाल ही में हिन्दू युवक दीपू दास की हत्या पर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, “इसका कड़ा विरोध होना चाहिए और सभी हिन्दुओं को एकजुट होकर इसका सामना करना चाहिए.” यही नहीं उन्होंने बंगाल में बाबरी मस्जिद की नींव रखने पर कहा, “ऐसा संभव नहीं और हम ऐसा नहीं होने देंगे.” रामभद्राचार्य ने यह प्रतिक्रिया महाराष्ट्र के नागपुर में पत्रकारों से बातचीत में दी |
स्वामी रामभद्राचार्य इस पहले भी हिन्दुओं की एकजुटता पर बल दे चुके हैं. अक्सर उनके बयानों में इस चीज की झलक भी देखने को मिलती है. बंगाल में जारी हिंसा और हिन्दुओं पर बढ़ते अत्याचार पर उन्होंने चिंता जताई. जिसके संदर्भ में उन्होंने एक बार फिर एकजुटता का आह्वान किया |
बयानों से चर्चा में रहते हैं रामभद्राचार्य
स्वामी रामभद्राचार्य प्रसिद्ध कथावाचक हैं और उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार के साथ ही पद्म विभूषण से भी नवाजा जा चुका है. अपने कथा प्रसंगों के दौरान कई बार वे विवादित बयाना भी दे देते हैं. राममंदिर सम्पूर्ण होने पर धर्म ध्वजा समारोह से पहले उन्होंने कहा था कि हम एल्फाबेट से चल रहे हैं. अ से अयोध्या हो चुका अब क और म बाकी यानि काशी और मथुरा बाकी. यही नहीं उन्होंने वेस्ट यूपी को मिनी पाकिस्तान तक कह दिया था, जिसकी काफी आलोचना भी हुई थी |
कौन हैं जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ?
स्वामी रामभद्राचार्य एक अध्यात्मिक और धार्मिक संत हैं. नेत्रहीन होने के बावजूद यह 22 भाषओँ के ज्ञाता हैं. ज्यादातर हिन्दू धर्म ग्रन्थ इन्हें जुबानी याद हैं और कई जगह अपने ज्ञान का परिचय दे चुके हैं. यही नहीं 100 से अधिक ग्रन्थ भी लिख चुके हैं. चित्रकूट की तुलसी पीठ के संथापक होने के साथ ही विकलांग विश्व विद्यालय के आजीवन कुलपति भी हैं. रामजन्म भूमि मामले में इन्होने कोर्ट में महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रस्तुत किए थे. लेकिन कई बार विवादित बयान भी देकर चर्चा में आ जाते हैं |









