भोपाल । मप्र के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रशासनिक अधिकारियों को प्रशासक नियुक्त करने की तैयारी के पहले ही डॉक्टरों और तमाम कर्मचारी संगठनों ने विरोध शुरु कर दिया। भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज समेत प्रदेश के सभी 13 सरकारी मेडिकल कॉलेज में मंगलवार सुबह से ही डॉक्टरों ने काम बंद हड़ताल शुरू कर दी। इससे पहले सोमवार को इन डॉक्टर्स ने काली पट्?टी बांधकर अपना विरोध जताया था। हड़ताल की वजह से मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि कैबिनेट की बैठक निरस्त होने के चलते डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल भी खत्म कर दी।भोपाल के हमीदिया अस्पताल में मंगलवार को इलाज कराने आए मरीजों को वापस लौटना पड़ा। इमरजेंसी में आए मरीजों को इलाज के लिए निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ा । डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते हमीदिया अस्पताल प्रबंधन ने 20 मरीजों के ऑपरेशन अगले 8 घंटे के लिए टालने पड़े। ऐसी ही स्थिति इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज, जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज, ग्वालियर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज और प्रदेश के दूसरे सरकारी मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में रही। उधर, चिकित्सा शिक्षा विभाग के अफसर मेडिकल टीचर्स की हड़ताल को बेअसर बता रहे हैं। जीएमसी के मेडिकल टीचर्स ने ओपीडी खत्म होने के बाद एडमिन ब्लॉक के सामने चिकित्सा शिक्षा विभाग से जुड़े कर्मचारी संगठनों के साथ मीटिंग की थी। इसमें मेडिकल टीचर्स का कहना था कि हमने अफसरों को पत्र लिखकर मिलकर अपनी बात रखने के लिए समय मांगा था। लेकिन, किसी को हमारी बात सुनने का समय नहीं है।
हेल्थ और गैस राहत के 40 डॉक्टरों को किया तैनात
गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद रॉय ने बताया कि संस्थान से जुड़े हमीदिया, सुल्तानिया और टीबी हॉस्पिटल में मेडिकल टीचर्स हड़ताल पर हैं। इन डॉक्टर्स की कमी को पूरी करने स्वास्थ्य और गैस राहत विभाग के अस्पतालों में कार्यरत 40 से ज्यादा डॉक्टर्स की कंसलटेंट ओपीडी में ड्यूटी लगाई है, ताकि मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में आए सभी मरीजों को इलाज मुहैया कराया जा सके।
जूनियर डॉक्टर्स ने भी दी हड़ताल की चेतावनी
सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रशासनिक और वित्तीय प्रबंधन के लिए ब्यूरोक्रेट्स की तैनाती का विरोध मेडिकल टीचर्स के बाद अब जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. हृदेश दीक्षित ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री को चिट्ठी लिखकर , मेडिकल कॉलेजों में ब्यूरोक्रेट्स की पदस्थापना के प्रस्ताव को खारिज कराने की मांग की है। साथ ही कैबिनेट से इस प्रस्ताव के पास होने की दिशा में 22 नवंबर (मंगलवार) से ही मेडिकल टीचर्स के हड़ताल में शामिल होने की चेतावनी दी है।
कमलनाथ का ट्वीट- मांगों पर विचार करे सरकार
मेडिकल कॉलेजों में हो रही हड़ताल और प्रदर्शन पर पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने ट्वीट किया- मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षक अपनी मांगों को लेकर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन कर रहे हैं और हड़ताल की चेतावनी दे रहे हैं। प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत पहले से ही खराब है। ऐसे में राज्य सरकार को आम जनता के हित में उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए।