अब आरबीआई की रेपो रेट 5.4% से बढ़कर 6.25% हो गई है। इससे पहले आरबीआई ने अक्टूबर व अगस्त में भी रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की थी। मई महीने में भी हुई एमपीसी की बैठक में रेपो रेट को 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 4.90% कर दिया गया था।आरबीआई गवर्नर ने तीन दिनों तक चली एमपीसी की बैठक के बाद रेपो रेट को बढ़ाने का एलान किया है। आरबीआई ने रेपो रेट में 0.35% बढ़ोतरी का एलान किया है। अब आरबीआई की रेपो रेट 5.4% से बढ़कर 6.25% हो गई है। इससे पहले आरबीआई ने अक्टूबर व अगस्त में भी रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की थी। मई महीने में भी हुई एमपीसी की बैठक में रेपो रेट को 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 4.90% कर दिया गया था।
रेपो रेट की बढ़ोतरी की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा कि अगले चार महीनों में महंगाई दर चार प्रतिशत से ऊपर बने रहने की संभावना है। एमपीसी के छह सदस्यों में से पांच ने रेपो रेट बढ़ाने के फैसले का समर्थन किया है। आरबीआई गवर्नर ने रेपो रेट की घोषणा करते हुए यह भी कहा है कि देश में ग्रामीण मांग में सुधार दिख रहा है। कंज्यूमर कॉन्फिडेंस में भी सुधार हुआ है। आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2023 में जीडीपी ग्रोथ 6.8% रह सकता है। आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा है कि वत्तीय वर्ष 2024 की पहली तिमाही में सीपीआई 5% रह सकती है।
विशेषज्ञों के अनुसार खुदरा मुद्रास्फीति में नरमी के संकेत और वृद्धि को आगे बढ़ाने की आवश्यकता के बीच रिजर्व बैंक बुधवार को अपनी आने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में 35 बीपीएस की वृद्धि का विकल्प चुना है। बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) सोमवार से शुरू हुई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक के बाद सात दिसंबर (बुधवार) को अपनी अगली द्विमासिक नीति पेश की है।