इंदौर । वर्ष 2018 में रूस में हुए फुटबाल विश्वकप में अपना मैच खेलने के बाद जब जापानी टीम के खिलाड़ियों और जापानी नागरिकों ने पूरे स्टेडियम को साफ-सुथरा कर दिया, तो दुनिया यह देखकर चौंक गई थी। स्टेडियम में चिप्स पैकेट की खाली पन्नियां व कोल्ड-ड्रिंक्स की बोतलें छोड़ आने वाले दुनियाभर के लोगों के लिए जापानियों का यह व्यवहार सुखद आश्चर्य से कम नहीं था। भारत ने भी तब जापान के उस स्वच्छता-संस्कार की सराहना की थी। हाल ही में वर्ष 2022 में कतर में हुए फुटबाल विश्वकप में भी जापानियों ने इसी संस्कार को दिखाया और मैच हारने के बावजूद दुनिया का दिल जीत लिया। जापान की उस श्रेष्ठता को अब इंदौर अपने तरीके से और आगे ले जा रहा है। भारत का यह सबसे स्वच्छ शहर इंदौर इन दिनों खेलो इंडिया यूथ गेम्स के लिए यहां आए देशभर के खिलाड़ियों को स्वच्छता के संस्कार व पर्यावरण के प्रति प्रेम भी सिखा रहा है। इंदौर नगर निगम ने इस महाआयोजन को जीरो वेस्ट अर्थात शून्य कचरा संग्रहण वाला इवेंट बनाने के लिए विशेष योजना बनाई है। जीरो वेस्ट का संकल्प साकार करने के लिए नगर निगम के साथ समाजसेवी संस्था भी जुटी हुई हैं।
होर्डिंग को किया जाएगा रिसायकल
कचरे से परिसर में ही बना रहे खाद कहानी कुछ यूं है कि इंदौर की पहचान देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में क्यों है, इससे अब देशभर के खिलाड़ी रूबरू हो रहे हैं। अभय प्रशाल और बास्केटबाल काम्प्लेक्स में स्पर्धाएं प्रारंभ हो चुकी हैं। यहां निगम के साथ संस्था ह्यूमन मैट्रिक्स की टीम सफाई के काम में जुटी है। संस्था के मयंक श्रीवास्तव बताते हैं- यह देश का सबसे बड़ा खेल मेला है। इसे हम जीरो वेस्ट इवेंट बना रहे हैं। यहां छह तरह से कचरा अलग-अलग किया जा रहा है। आयोजन स्थल पर मोबाइल कम्पोस्टिंग वैन लगी है, जो गीले कचरे को खाद बनाने का काम करती है। यहां खाद बनाने का पहला चरण पूरा होता है जबकि आगे की प्रक्रिया राजकुमार ब्रिज के नीचे बने सेंटर पर होती है। सूखे कचरे को भी यहीं से छांट कर आगे भेजा जाता है, जहां से रिसाइकलिंग उद्योग से जुड़े लोग इसे ले जाते हैं। खेलो इंडिया यूथ गेम्स के प्रचार के लिए प्रशासन ने स्पर्धा स्थल को होर्डिंग से रंग दिया है। इसके अलावा शहर के विभिन्न चौराहों पर भी होर्डिंग लगाए गए हैं। श्रीवास्तव बताते हैं, होर्डिंग के पोस्टर कपड़ा मिश्रित मटैरियल से बने हैं, इस कारण इनका दोबारा इस्तेमाल हो जाता है। अन्य होर्डिंग प्लास्टिक मटैरियल से बने होते हैं इसलिए उनका दोबारा इस्तेमाल नहीं हो पाता।
यहां शौचालय भी चलायमान
अभय प्रशाल और बास्केटबाल काम्प्लेक्स में दर्शकों और खिलाड़ियों के लिए शौचालय की सुविधा है। इसके अलावा भी परिसर में मोबाइल अर्थात चलायमान शौचालय बनाए गए हैं। स्वच्छता के लिए इतनी गंभीरता है कि यहां नगर निगम के साथ ही अन्य संस्था के कर्मचारी नियुक्त हैं, जबकि इनकी निगरानी के लिए भी हर जगह एक व्यक्ति को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
स्टेडियम में लगे पोस्टरों से बनने लगे थैले
शहर में कुछ दिन पहले होलकर स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच हुआ था। यह मैच भी इंदौर की स्वच्छता की छवि के अनुसार जीरो वेस्ट इवेंट था। इसमें प्लास्टिक के स्थान पर कागज के गिलास में पानी और कागज की ही प्लेट में भोजन की व्यवस्था थी। मैच के दौरान नगर निगम के साथ स्वच्छता का काम संभालने वाली संस्था के श्रीगोपाल जगताप ने बताया कि मैच में जो होर्डिंग लगे थे, उन्हें रिसाइकल करने का काम प्रारंभ हो गया है। इससे थैले बनेंगे, जो काफी मजबूत होते हैं। यह थैले निश्शुल्क वितरित किए जाएंगे।
इन्होने कहा
स्वच्छता ही अच्छे स्वास्थ्य को जन्म देती है और अच्छा स्वास्थ्य ही अच्छा खिलाड़ी बनाता है। इंदौर में कम उम्र के खिलाड़ी खेलने आए हैं। हमारा प्रयास है कि उन्हें इंदौर के स्वच्छता के संस्कारों से परिचित कराया जाए, इसलिए स्पर्धा स्थलों पर स्वच्छता के विशेष प्रबंध के साथ ही जागरूकता फैलाने का भी प्रयास किया जा रहा है।
– पुष्यमित्र भार्गव, महापौर