कटनी । शहर के एक निजी अस्पताल में महिला की इलाज के दौरान मौत के मामले में सोमवार को जिला अस्पताल से स्वजन शव लेकर नई बस्ती मंगतराम अस्पताल पहुंचे और शव को सड़क पर रखकर हंगामा करने लगे। मौके पर पहुंचे कोतवाली थाना प्रभारी और बल ने स्वजनों को समझाते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद लोग माने और शव लेकर रवाना हुए। इस बीच एक बार फिर से स्वजनों के हंगामा को देखकर चिकित्सक और स्टाफ मौके से गायब हो गया।चंदिया उमरिया निवासी प्रदीप विश्वकर्मा की पत्नी लक्ष्मी विश्वकर्मा 25 वर्ष को पांच माह का गर्भ था। रक्त बहने के कारण शनिवार की रात को महिला को उमरिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां से हालत में सुधार न होने पर उसे जिला अस्पताल कटनी रेफर कर दिया गया। परिवार के सदस्य महिला को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ तो वह उसे लेकर रविवार की सुबह 9 बजे नई बस्ती स्थित डा रूपा लालवानी के निजी क्लीनिक में पहुंचे। जहां पर उसे इलाज के लिए भर्ती कर लिया गया था। सुबह से लेकर रात आठ बजे तक इलाज जारी रहा। स्वजनों ने बताया कि रात आठ बजे महिला की हालत गंभीर होने की बात कह कर उसे रेफर कर दिया गया। पति प्रदीप विश्वकर्मा ने बताया कि जब वह दूसरे निजी अस्पताल लेकर पहुंचे तो बताया गया कि महिला की मौत काफी देर पहले हो चुकी है। स्वजनों ने रात को भी अस्पताल के बाहर हंगामा किया था। सुबह जिला अस्पताल में महिला का पीएम कराया गया और जैसे शव स्वजनों को सौंपा गया, वे उसे लेकर मंगतराम अस्पताल लेकर पहुंचे गए और शव सड़क पर रखकर हंगामा करने लगे। कोतवाली प्रभारी अजय सिंह ने स्वजनों को तीन दिन के अंदर कार्रवाई का आश्वासन दिया और उसके बाद स्वजन माने और शव लेकर रवाना हुए।
बोले हास्पिटल के संचालक
डा मंगतराम हास्पिटल के संचालक डा विशंभर लालवानी का मामले को लेकर कहना है कि केस बिगड़ा हुआ था और उनके स्वजनों से पूछकर ही इलाज किया गया। महिला को दूसरे निजी अस्पताल भेजा गया था तब वह जीवित थी। स्वजनों ने हंगामा किया और इस कारण से डरकर वे अंदर ही थे। उनका कहना है कि महिला के परिवार के सभी आरोप बेबुनियाद हैं।