नई दिल्ली। 2000 रुपए के नोट को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बड़ी घोषणा की है। आरबीआई ने शुक्रवार को 2000 रुपए के नोट को वापस लेने का फैसला किया है। रिजर्व बैंक के इस कदम से एक बार फिर नोटबंदी की यादें ताजा हो गईं। हालांकि, इस बार लोगों को किसी भी तरह से घबराने की जरूरत नहीं है, इसका मतलब यह नहीं कि 2000 रुपये के नोट की वैधता समाप्त होगी। फिलहाल 2000 रुपये के नोट बाजार में चलते रहेंगे। लेकिन अगर आपके पास हैं, तो बैंक में जाकर बदलवाना होगा। आप बैंक में जाकर इन नोटों को बदलवा सकते हैं। तब तक आप इन नोटों से मार्केट में खरीद-फरोख्त कर सकते हैं। 30 सितंबर 2023 के बाद 2000 का नोट पूरी तरह से चलन से बाहर हो जाएगा।
2018-19 में बंद हो गई थी छपाई
आरबीआई (RBI) के सर्कुलर में कहा गया है, जनता के सदस्यों के लिए पर्याप्त समय प्रदान करने के लिए, सभी बैंक 30 सितंबर, 2023 तक 2000 रुपये के नोटों के लिए जमा और / या विनिमय सुविधाएं प्रदान करेंगे। उस समय 500 और 1000 रुपये के नोट चलन में थे। 2000 रुपये के बैंकनोटों को पेश करने का उद्देश्य एक बार अन्य मूल्यवर्ग के बैंकनोटों के पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो जाने के बाद पूरा हो गया था। 2018-19 में 2000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी।
8 नवंबर 2016 को बाजार में आया था-
उल्लेखनीय है कि 8 नवंबर 2016 में नोटबंदी की थी। उस वक्त 500 रुपये और हजार रुपये के नोट को बंद कर दिया गया था। जिसके बाद 500 रुपये और 2000 रुपये का नया नोट पेश किया गया। रिजर्व बैंक का मानना था कि 2000 रुपये का नोट 500 और हजार रुपये के नोट के वैल्यू की भरपाई जल्द कर देगा। इसके बाद कई बार संसद में दो हजार के नोट को लेकर सवाल उठते रहे हैं। आरबीआई ने साल 2018-19 से 2000 के नोटों की छपाई बंद कर दी है।
बैकों को दी सलाह
आरबीआई ने बैकों को सलाह दी है कि वे तत्काल प्रभाव से 2000 रुपये के नोट जारी करना बंद करें। एक बार में अधिकतम बीस हजार रुपए कीमत के नोट ही बदले जाएंगे। अब से ही बैंक 2000 के नोट इश्यू नहीं करेंगे। इन्हें बिना किसी प्रतिबंध के सामान्य तरीके से ही बैंकों में जमा कराया जा सकता है।
2000 के नोटों में अब 9.21 लाख करोड़ गायब
2016 की नोटबंदी के समय केंद्र सरकार को उम्मीद थी कि भ्रष्टाचारियों के घरों के गद्दों-तकियों में भरकर रखा कम से कम 3-4 लाख करोड़ रुपए का काला धन बाहर आ जाएगा। सूत्रों की माने तो पूरी कवायद में काला धन तो 1.3 लाख करोड़ ही बाहर आया, मगर नोटबंदी के समय जारी नए 500 और 2000 के नोटों में अब 9.21 लाख करोड़ गायब जरूर हो गए हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की 2016-17 से लेकर 2021-22 तक की एनुअल रिपोर्ट्स बताती हैं कि RBI ने 2016 से लेकर अब तक 500 और 2000 के कुल 6,849 करोड़ करंसी नोट छापे थे। उनमें से 1,680 करोड़ से ज्यादा करंसी नोट सर्कुलेशन से गायब हैं। इन गायब नोटों की वैल्यू 9.21 लाख करोड़ रुपए है।