Tuesday, December 24, 2024
Homeट्रेंडिंगDesi Jugaad: किसान का देसी जुगाड़, ग्लूकोज की बोतलों से कर डाली...

Desi Jugaad: किसान का देसी जुगाड़, ग्लूकोज की बोतलों से कर डाली पूरे खेत की सिंचाई

Desi Jugaad : सोशल मीडिया पर आये दिन काफी सारे जुगाड़ के वीडियो वायरल होते रहते है। जिसमे कई सारे वीडियो देख अपनी आँखों पर यकीन नहीं होता है और कुछ वीडियो ऐसे होते है जिसे देख आपको हंसी आ जाती है। हमारा भारत देश कृषि प्रधान देश है और भारत में ज्यादातर लोग किसान हैं। जब बात किसानों की हो और हम जुगाड़ की बात न करें ऐसा हो ही नहीं सकता है।

भारतीय किसान इतने टैलेंटेड हैं कि कूड़े को भी सोना में बदल सकते हैं। मध्य प्रदेश में रहने वाले एक किसान ने ऐसा ही कुछ करके दिखाया है। पहाड़ी आदिवासी क्षेत्रों में खेती करना मुश्किल है, यहां सिंचाई के लिए बारिश के पानी पर ही निर्भर रहना पड़ता है लेकिन मध्य प्रदेश के एक किसान ने इस समस्या से निपटने के लिए वेस्ट पड़ी ग्लूकोज बोतल के साथ जो जुगाड़ लगाया उससे अब वह लाखों रुपए की कमाई कर रहा है।

बारिश के पानी पर रहना पड़ता था निर्भर

दअसरल, मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल जिले झाबुआ में पहाड़ी आदिवासी क्षेत्र में खेती करना किसानों के लिए चुनौती भरा काम है। यहां किसानों को खेत की सिंचाई के लिए बारिश पर निर्भर रहना पड़ता था, इसके चलते किसानों के मेहनत के बराबर भी फसल नहीं मिल पाती थी। इस बीच रमेश बारिया नाम के एक किसान भी इस समस्या से काफी परेशान थे लेकिन इन चुनौतियों से निपटने के लिए उन्होंने अब बेहतरीन देसी जुगाड़ निकाला है।

विशेषज्ञों से ली मदद

रमेश बारिया ने अपनी फसल और आय बढ़ाने के लिए साल 2009-10 में राष्ट्रीय कृषि नवाचार परियोजना (एनएआईपी) के वैज्ञानिकों से संपर्क किया और रमेश बारिया ने विशेषज्ञों के निर्देश पर सर्दी और बरसात के मौसम में उगाए जाने वाले सब्जियों की खेती एक छोटे से जमीन के टुकड़े पर शुरू की। ये खेती पहाड़ी आदिवासी क्षेत्र की जमीनों के लिए बिल्कुल उचित थी।

रमेश बारिया ने अपनी जमीन पर करेला, स्पंज लौकी उगाना शुरू किया, इसके बाद जल्द ही उन्होंने एक छोटी नर्सरी स्थापित की लेकिन शुरुआत में उन्हें मानसून में देरी के चलते सिंचाई के लिए पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ता था। रमेश बारिया को लगा ऐसे में फसल खराब हो सकती है, जिसके बाद उन्होंने एनएआईपी की मदद ली। यहां वैशेषज्ञों ने उन्हें वेस्ट ग्लूकोज की पानी की बोतलों की मदद से खेत की सिंचाई करने का सुझाव दिया।

ग्लूकोज की बोतलों से सिंचाई

इसके बाद किसान रमेश बारिया ने 20 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से वेस्ट ग्लूकोज की बोतल खरीदी। रमेश ने सभी बोतलो के ऊपरी हिस्से को काट दिया जिससे उनमें पानी भरा जा सके, इसके बाद उन्होंने इसे डंडों के सहारे पौधों के पास लटका दिया। उन्होंने इन बोतलों से बूंद-बूंद का एक स्थिर पानी का प्रवाह बनाया। रमेश ने बोतलों को पानी से भरने के लिए अपने बच्चों को काम पर लगाया जो रोज सुबह स्कूल जाने से पहले इसे भरकर जाते हैं।

इस तकनीक के बाद से रमेश बारिया की कमाई में इजाफा हुआ और वह 0.1-हेक्टेयर भूमि से 15,200 रुपये का लाभ अर्जित करने में सफल रहे। यह तकनीक न केवल सिंचाई के लिए बेहतर थी बल्कि इससे पौधों को सूखने से बचाया भी जा सकता है। इसके अलावा इससे पानी की बर्बादी भी नहीं होती है और इसमें लागत भी कम है। इस शानदार जुगाड़ की तकनीक को IFS अधिकारी Akshay Bhorde ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर की हैं।

मध्य प्रदेश सरकार ने किया सम्मानित

रमेश बारिया को देखकर अब उनकी इस तकनीक को गांव के अन्य किसानों ने भी अपनाना शुरू कर दिया है। इस कार्य के लिए रमेश बारिया को जिला प्रशासन और मध्य प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री की सराहना के प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया है।

RELATED ARTICLES

Contact Us

Owner Name:

Deepak Birla

Mobile No: 9200444449
Email Id: pradeshlive@gmail.com
Address: Flat No.611, Gharonda Hights, Gopal Nagar, Khajuri Road Bhopal

Most Popular

Recent Comments

Join Whatsapp Group
Join Our Whatsapp Group