भोपाल। जबलपुर में एनआईए और मप्र एटीएस की छापेमारी में गिरफ्तार हुए अधिवक्ता ए उस्मान का बेटा ही जबलपुर में आईएसआईएस मॉड्यूल का मास्टरमाइंड है। वही जबलपुर क्षेत्र में आईएसआईएस का नेटवर्क खड़ा किया है। उसने कई युवाओं को गजबा-ए-हिंद मुहिम के तहत आतंकी गतिविधियों में जोड़ा है। एनआईए की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि आईएसआईएस के से जुड़े यह आतंकी 2050 तक भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने के अभियान के तहत आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त थे और इसी बात पर कट्टर युवाओं को अपने आतंकवादी संगठन में जोड़ रहे थे।
जबलपुर में गिरफ्तार आतंकवादियों ने कई युवाओं को अपने साथ जोड़ चुके हैं। यह संदिग्ध आतंकी शहर में रहकर युवाओं को प्रशिक्षण दे रहे थे। तीन चरण में लक्ष्य हासिल करने की योजना थी। समूह बनाकर युवाओं को जोड़ रहे थे। लव जिहाद की घटनाएं करने के लिए हिंदू लड़कियों को टारगेट करके उनसे दोस्ती करते और फिर उनका शोषण करते थे। हालांकि अभी तक कोई युवती इस संगठन से जुड़े युवाओं के खिलाफ मामला दर्ज कराने सामने नहीं आई है। आईएसआईएस से विशेष समुदाय के स्मार्ट दिखने वाले युवाओं को ही जोड़ा जा रहा था।
इस संगठन से जुड़े संदिग्ध हिंदू लड़कियों को प्यार में फंसाकर उन्हें गर्भवती कर छोडऩे की योजना पर काम कर रहे थे। कई युवाओं को अफगानिस्तान में जाकर प्रशिक्षण दिया गया है। गिरफ्तार संदिग्धों के जब्त किए गए फोन में उनकी महिला मित्र हिंदू लड़कियां ही निकली हैं। अधिकतर लड़कियां जैन और ब्राह्मण समाज की हैं। आदिल के कब्जे से प्रतिबंधित एसएलआर राइफल और कारतूस मिले हैं। यह संदिग्ध आतंकी ओमती स्थित पेशकारी मस्जिद में बैठक करते थे।
अधिवक्ता के घर छापेमारी, कई हिरातस में
एनआईए व एटीएस ने टेरर फंडिंग में गिरफ्तार अब्दुल रज्जाक के साथी मकसूद कबाड़ी और आहद उल्ला उस्मानी अधिवक्ता के साथ दर्जन भर लोगों के घर छापे मारे हैं। सिमी आतंवादियों की पैरवी करने वाले अधिवक्ता नईम खान के घर भी छापे मारे हैं, उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया गया है। एनआईए अधिवक्ता आहद उल्ला उस्मानी के भाई अमान उल्ला उस्मानी और अमान के बेटे अरहम, सिविल लाइन निवासी शाहनवाज खान के परिवार के गई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। कुछ संदिग्धों को पूछताछ के बाद एनआईए ने शनिवार दोपहर भोपाल रवाना होने से पहले उन्हें छोड़ भी दिया है।
बांग्लादेश के प्रतिबंधित संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन, बांग्लादेश (जेएमबी) से जुड़े भोपाल टेरर फंडिंग मामले में एनआईए ने 25 मई को उत्तर प्रदेश में भी दो जगह छापेमारी की थी। इसके बाद जबलपुर में छापे मारे गए। एनआईए के 10 गिरफ्तार सदस्यों में 6 बांग्लादेशी नागरिक हैं। ये अवैध रूप से भारत में घुसे और अपने सहयोगियों की मदद से जाली पहचान पत्र भी बनवा लिए।