इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में एक ऐसा मंदिर है, जहां इंसान नही पक्षी भी भगवान की पूजा करने आते है। इंदौर में करीब 200 वर्ष पुराना पंचकुइयां श्री राम मंदिर है। जहां पर खेड़ापति बालाजी का भी मंदिर भी है। लाखों की संख्या में तोते नियमित रूप से यहां आते हैं। तोतों को नियमित रूप से प्रातः 5ः30 बजे तोतों की पंगत लगती है।
कहा जाता है कि पंचकुइयां क्षेत्र में संतों ने बहुत तपस्या की है। अतः यह एक तपोभूमि है, इसलिए जो तोते ज्वार ग्रहण करने आते हैं, वे संत रूपी हैं। यह हनुमानजी की कृपा भी है कि यह लंगर करीब 50 वर्षों से निरंतर चला आ रहा है। यह सेवा उस समय से दी जा रही है, जब हनुमानजी का मंदिर एक चबूतरे पर था। बाकी जगह खेत हुआ करते थे खेत में ही ज्वार डाली जाती थी, तब भी तोते आते थे।
तोते प्रसाद ग्रहण करने आते हैं
हनुमानजी के इस मंदिर पर 5000 वर्ग फीट की छत का निर्माण किया गया। विगत 50 वर्षों से तोतों की सेवा हनुमान मंदिर की इसी छत पर निरंतर की जा रही है। विशेष बात यह है कि जब तोते प्रसाद ग्रहण करने आते हैं तो वे छत पर बैठने के बाद पहले हनुमानजी की ध्वजा के दर्शन करते है।
फिर प्रसाद ग्रहण करना शुरू करते हैं। हजारों की संख्या में तोते आसपास के पेड़ों पर बैठे रहते हैं व अनुशासन के साथ अपनी बारी का इंतजार करते है। जैसे ही तोतों की एक पंगत भोजन ग्रहण कर कर उठती है तब पेड़ों पर बैठे दूसरे तोते छत पर आ जाते हैं। तोतों को दी जाने वाली ज्वार की गुणवत्ता का विशेष रूप से ध्यान दिया जाता है।