देश भर में महंगाई जमकर तांडव मचा रही है. टमाटर की कीमतों में भारी तेजी के बाद अन्य सब्जियों के भी दाम आसमान छूने लगे हैं। कई हिस्सों में भारी बारिश से सब्जियों की आवक कम होने से कीमतों में तेजी आ रही है। मुफ्त में मिलने वाली धनिया भी 200 रुपये किलो के पार बिक रही है। अदरक भी आसमान छूने लगा है. अगर थोक भाव की बात कें तो 240 रुपये किलो और खुदरा भाव 260-300 रुपये किलो तक पहुंच गई है. लहसुन जहां 200 रुपये किलो है वहीं, बींस भी 160 रुपये किलो के पार है। हरी मिर्च भी इस समय 100 से 120 रुपये किलो के बीच बिक रही है।
टमाटर की कीमतें हालांकि, 250 रुपये से घटकर अब 150 रुपये पर आ गई हैं। आसमान छूती कीमतों के कारण टमाटर मध्यवर्ग के ग्राहकों के किचन से अब भी बाहर है। इस वजह से अधिकतर लोगों ने टमाटर खरीदना या तो कम कर दिया या बंद कर दिया है। सब्जियों की कीमतें बढ़ने से ग्राहकों के साथ व्यापारी भी प्रभावित हो रहे हैं, क्योंकि फलों के दाम भी बढ़ने लगे हैं। सेब की कीमत इस समय 2,200 रुपये प्रति बॉक्स है जो कि पहले 1,200 से 1,500 रुपये प्रति बॉक्स बिक रहा था।
परिवहन व्यवस्था प्रभावित
भारी बारिश से सब्जियां प्रभावित हुई हैं। इसलिए कीमतें अभी ज्यादा हैं। इससे परिवहन व्यवस्था बाधित हुई। वहीं दक्षिण भारत से सब्जियों की आपूर्ति की लागत बढ़ गई है। हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में हालिया बाढ़, भूस्खलन और फसलों के खराब होने से सब्जियों की आपूर्ति बाधित हुई है।
टमाटर का बड़ा हिस्सा हिमाचल से आता है जो बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अत्यधिक वर्षा के कारण राजस्थान और हरियाणा के मैदानी इलाकों में कई स्थानों पर लौकी, तुरई और भिंडी की फसलें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इसका असर सब्जियों की कीमतों पर पड़ा है। यदि यही स्थिति रही तो कीमतें लंबे समय तक ऊंची रह सकती हैं।