Petrol Pump Strike: पेट्रोल पंप के मालिक राज्य में पेट्रोल और डीजल पर वैट (Value Added Tax) को कम करने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने पहले ही सरकार को चेतावनी दी थी कि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वो 15 सितंबर सुबह 6 बजे से हड़ताल पर चले जाएंगे और ये हड़ताल अब शुरू हो चुकी है. पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के आह्वान पर पूरे राजस्थान में पेट्रोल पंप सुबह से बंद हैं. राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन अनिश्चितकालीन की हड़ताल कब तक जारी रहेगी. इसका जवाब भी नहीं है क्योंकि राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने बेमियादी बंद का ऐलान किया हुआ है.
पेट्रोल पंप पर तेल के लिए गाड़ियों की लंबी कतारें दो दिन पहले से ही लग गई थी, जब पेट्रोल पंप पर आंशिक हड़ताल चल रहा था. पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन 13 और 14 सितंबर को आंशिक हड़ताल पर था. इसके तहत सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक पेट्रोल-डीजल नहीं दिया गया. उसके बाद गाड़ी चलाने के लिए लोगों को जब पेट्रोल नहीं मिला. तब राजस्थान के अलग-अलग शहरों में तनाव बढ़ गया. आम जनता अपनी गाड़ी की टंकी फुल कराने के लिए पेट्रोल पंप पर कतारें लगाकर खड़ी हो गई.
पेट्रोल-डीजल पर भारी वैट पर विवाद
पेट्रोल एसोसिएशन का कहना है कि राजस्थान में इस वक्त पेट्रोल पर 31.4 फीसदी वैट लगता है और डीजल पर 19.3 प्रतिशत वैट वसूला जाता है. ज्यादा वैट लगने की वजह से राजस्थान में पड़ोसी राज्यों की तुलना में पेट्रोल 16 रुपये महंगा तो डीजल करीब 11 रुपये महंगा मिल रहा है. इसे लेकर डीलर्स एसोसिएशन ने 13 और 14 सितंबर को सांकेतिक हड़ताल करते हुए सरकार को ट्रेलर दिखाया था और अब डीलर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल दिखा रहे हैं.
राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन मांग
बीते 2 दिनों से राजस्थान में कम से कम कुछ घंटों के लिए ही सही मगर पेट्रोल-डीजल मिल रहा था. लेकिन आज से तो पूर्ण हड़ताल है. सोचिए, अब क्या होगा? सड़कों पर मचे हाहाकार के बीच, डीलर्स एसोसिएशन ने भी अपना पक्ष सबके सामने रखा. उनका कहना है कि भारत में सबसे महंगा पेट्रोल राजस्थान में ही मिल रहा है और उससे निजात दिलाने के लिए ही ये प्रदर्शन किया जा रहा है. डीलर्स एसोसिएशन का कहना है कोरोना के वक्त सरकार ने कमाई के लिए वैट बढ़ाया. मगर, अब महामारी बीत जाने के बाद भी टैक्स कम नहीं हुए और इसकी वजह से जनता की जेब पर बड़ा असर पड़ रहा है.
राजस्थान में सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल क्यों?
राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के सुमित बेघाई ने कहा कि हम सरकार को चेताना चाहते हैं कि राजस्थान के अंदर भारत का सबसे महंगा पेट्रोल मिलता है. जब तक ये वैट कम नहीं होगा तब तक यहां डीजल पेट्रोल के दाम कम नहीं होंगे. सबकुछ नॉर्मल हो रहा है. फिर भी टैक्स पुराने रिजीम से ही वसूला जा रहा है. जनता की जेब खाली हो रही है. बिक्री कम होने से पड़ोसी राज्यों को फायदा है. हरियाणा, यूपी जैसे राज्य हमसे ज्यादा कमाई करते हैं.
क्या कहना है पेट्रोल पंप संचालको का
राजस्थान में पेट्रोल पंप चलाने वालों की दलील ये है कि उनकी हड़ताल जनता के हित में है लेकिन सच तो ये है कि इस हड़ताल से जनता ही सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही है. खुद को जनहितैषी बताने वाली कांग्रेस सरकार फिलहाल मौन है. कुल मिलाकर बात ये है कि चुनावी राजस्थान में जादूगर के नाम से मशहूर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का जादू पेट्रोल पंप मालिकों पर नहीं चल रहा. अब या तो वो वैट पर कोई फैसला लें या नहीं तो जनता का गुस्सा झेलने के लिए तैयार रहें क्योंकि बिना पेट्रोल-डीजल के ना जनता की गाड़ी चल पाएगी और ना ही राजस्थान का सिस्टम.