भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। प्रदेश में 230 विधानसभा वाले सदन में इस बाद कांग्रेस पार्टी के सिर्फ 66 विधायक ही चुनकर आए हैं, जबकि कांग्रेस पार्टी 130 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज कर सरकार बनाने का ऐलान कर चुकी थी। कांग्रेस पार्टी को इतनी बड़ी हार की समीक्षा भोपाल से लेकर दिल्ली तक शुरू हो चुकी है। कांग्रेस अब जिलों से लेकर प्रदेश पदाधिकारियों की आंतरिक रिपोर्ट तैयार कर रही है। रिपोर्ट में निष्कृय पार्टी पदाधिकारियों, जिला अध्यक्षों, जिला प्रभारियों व अन्य नेताओं को शामिल किया जाएगा। इसके बाद उनको हटाकर नए पदाधिकारी बनाए जाएंगे।
15 दिसंबर तक दिल्ली भेजी जानी है रिपोर्ट
गत दिनों दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े और राहुल गांधी सहित अन्य बड़े नेताओं के साथ प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष कमलनाथ और प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला बैठक कर हार के कारणों को लेकर चर्चा कर चुके हैं। अब हार किन कारणों और किन परिस्थितियों में हुई है, उसकी रिपोर्ट भी 15 दिसंबर तक दिल्ली भेजी जानी है। बताया जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ लोकसभा चुनाव को देखते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस की कमान संभाले रहेंगे। कांगे्रस का शीर्ष नेतृत्व उन्हें लोकसभा चुनाव की तैयारी करने के निर्देश दिए हैं।
जिलों से बुलाई रिपोर्ट
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को पूरा भरोसा था कि इस बाद प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनेगी। इसके लिए उन्होंने बहुत मेहनत करने के साथ तीन सर्वे से आई रिपोर्ट और जिलों के वरिष्ठ नेताओं की राय लेने के बाद प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की थी। कांग्रेस पार्टी को सत्ता विरोधी लहर होने का पूरा फायदा मिलने की संभावना थी, लेकिन जब तीन दिसंबर को चुनाव परिणाम आए तो भाजपा को ऐतिहासित दो तिहाई बहुमत मिला। भाजपा मध्यप्रदेश में 163 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज कर शानदार प्रदर्शन किया। अब कांग्रेस अपने उन नेताओं की गोपनीय रिपोर्ट तैयार कर रही है, जो चुनाव के दौरान निष्कृय रहे हैं या पार्टी प्रत्याशियों से किसी कारण सहमत नहीं होने पर भितरघात किए हैं। कांग्रेस भितरघातियों और निष्कृय पदाधिकारियों की सूची बना रही है। 15 दिसंबर तक सूची तैयार होने के बाद उन पर कार्रवाई की जाएगी और उनके स्थान पर नए चेहरों को पदाधिकारी बनाया जाएगा, ताकि पार्टी लोकसभा में अपना प्रदर्शन सुधार सके।
डेढ़ दर्जन जिला अध्यक्षों पर कार्रवाई संभव
प्रदेश के करीब डेढ़ दर्जन जिला अध्यक्षों के खिलाफ कार्रवाई होना तय माना जा रहा है। जिन 19 जिलों में कांग्रेस एक भी सीट विधानसभा में नहीं जीत सकी है, उन जिलों के अध्यक्षों और जिला प्रभारियों को हटाने की पूरी तैयारी पार्टी नेतृत्व कर रहा है। गौरतलब है कि कांग्रेस इंदौर, नीमच, बैतूल, नरसिंहपुर, सिंगरौली, उमरिया, बुरहानपुर, खंडवा, देवास, शाजापुर, राजगढ़, रायसेन, सीहोर, विदिशा, पन्ना, कटनी, दमोह जिलों में एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सकी है। लोकसभा चुनाव के पहले पार्टी इन जिलों की कमान युवा और ऊर्जावान कार्यकर्ता को सौंप सकती है। इसके साथ ही इन जिलों के विभाग अध्यक्षों पर भी कार्रवाई की जा सकती है, माना जा रहा है कि पार्टी के वचन पत्र और संदेश को इन जिलों में जमीन तक पहुंचाने में पूरी तरह से संगठन कामयाब नहीं हो सका है।