सामाजिक न्याय सम्मेलन में शामिल हुए मल्लिकार्जुन खड़गे, मोदी सरकार पर साधा निशाना

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नई दिल्ली। समृद्ध भारत फाउंडेशन द्वारा  सामाजिक न्याय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस आयोजन में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए समृद्ध भारत फाउंडेशन और उनकी पूरी टीम को बधाई दी। साथ ही उन्होंने कहा कि इस समय लोक सभा चुनाव में कांग्रेस के कारण ही सामाजिक न्याय का मुद्दा केंद्रीय बन पाया है।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि 139 साल पुरानी हमारी कांग्रेस पार्टी के विचारों के केंद्र में सामाजिक न्याय सदैव रहा है। बीते एक दशक में दलित-आदिवासी-बहुजन-अल्पसंख्यक और महिलाओं के साथ मोदी सरकार ने भारी नाइंसाफी की है। SC/ST/OBC के लिए छात्रवृत्ति में कटौती की गई है। ओवरसीज़ स्कॉलरशिप में कटौती की गई है। SC-Sub-plan, Tribal Sub-plan में 50 फीसदी की कटौती की गई है। जातिगत भेदभाव और अत्याचार बढ़ गए हैं। भर्तियों में भारी बैकलॉग है। हमारी हिस्सेदारी न्याय की गारंटी सामाजिक-आर्थिक समानता की सोच का हिस्सा है। जो सभी दलित, आदिवासी, ओबीसी, अल्पसंख्यक, महिला और तमाम कमजोर तबके के सामाजिक और आर्थिक सुधार में बेहद मददगार होगी।  

उन्होंने आगे कहा कि “जिसकी जितनी हिस्सेदारी उसकी उतनी भागीदारी” की भावना हमारे हिस्सेदारी न्याय की आत्मा है। इसमें हम एक व्यापक सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना कराकर सभी जाति-उपजाति और समुदायों की आबादी, उनकी सामाजिक-आर्थिक दशा, राष्ट्रीय संसाधन में उनकी हिस्सेदारी और governance से जुड़े संस्थानों में उनके प्रतिनिधित्व को जानेंगे।

उन्होंने कहा हम जो वादा करते हैं, वो पूरा करते हैं। इसका इतिहास रहा है। UPA सरकार द्वारा लागू MGNREGA, RTE (RIGHT TO EDUCATION), RTI, RIGHT TO FOOD SECURITY, वनाधिकार, रेहड़ी पटरी वालों के अधिकार इसके गवाह हैं। पिछले 10 सालों में मोदी सरकार ने ऐसा एक भी काम नहीं किया। उनकी एकमात्र उपलब्धी चंद मित्रो को अमीर बनाना है। मोदी सरकार के नीतियों की ही वजह से असमानता की खाई और गहरी हो गई है। कमजोर तबकों की हालत इन 10 सालों में बद से बदतर हुई है।

खड़गे ने आगे कहा कि सामाजिक न्याय एक विस्तृत शब्द है। रातों रात समाज को बदला नहीं जा सकता। लेकिन समाज को बदलने के लिए गहरी सोच और कानूनी आधार का होना ज़रूरी है।  हमारे नायकों ने ये दोनों काम किया। मोदी ने पिछड़े समुदायों को मूर्ख बनाने के लिए लगातार अपनी जाति का प्रचार किया है। सत्ता में आने के बाद से उन्होंने पिछड़े और दलितों के लिए कुछ नहीं किया है और उन्हें सिर्फ वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया हैं। यदि वे सत्ता में फिर से वापस आते हैं, तो एससी/एसटी, ओबीसी, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के साथ अगला 5 साल फिर से अन्याय के होंगे।