रांची। झारखंड में रूफटॉप बार एवं रेस्टोरेंट मालिकों के लिए एक बड़ी खबर है। झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने रांची में रूफटॉप बार एवं रेस्टोरेंट के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की। सुनवाई के बाद अदालत ने रांची में बिना नक्शा स्वीकृति के चल रहे रूफटॉप बार के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। अदालत ने नगर निगम को कार्रवाई के बाद प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
27 फरवरी को होगी अगली सुनवाई
इस मामले में अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी। अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि अगर अवैध तरीके से रूफटॉप बार का संचालन हो रहा है, तो उसे हटाया जाना चाहिए। इससे पहले सुनवाई के दौरान रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने बताया कि रांची शहर में 34 रूफटॉप बार एवं रेस्टोरेंट चल रहे हैं। इसमें सिर्फ दो का व्यवसायिक नक्शा स्वीकृत है। बिना नक्शा स्वीकृति के संचालित होने वाले रूफटॉप बार एवं रेस्टोरेंट संचालकों को नोटिस जारी किया गया है। ऐसे रूफटॉप बार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जरूरत पड़ी तो रूफटॉप बार एवं रेस्टोरेंट को सील भी किया जाएगा।
किराए के मकान में चल रहा संचालन
सभी रूफटॉप बार एवं रेस्टोरेंट का संचालन किराए के मकान में हो रहा है। यह उनकी आजीविका साधन है। इसके संचालन के संबंध में नियमावली बनाकर सरकार को भेजा गया है। नगर निगम के इस जवाब पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अवैध तरीके से चल रहे रूफटॉप बार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए प्रगति रिपोर्ट पेश करें। पूर्व में भी हाईकोर्ट ने निगम को अवैध ढंग से चल रहे रूफ टॉप बार एवं रेस्टोरेंट पर अंकुश लगाने का निर्देश दिया था। इन पर निगरानी रखने और उनके खुलने और बंद होने के समय निर्धारित करने पर उचित कदम उठाने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने सरकार के स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) के तहत बार एवं रेस्टोरेंट पर नियंत्रण लगाने और मादक पदार्थों की बिक्री पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इसी मामले में अदालत मादक पदार्थों की बिक्री पर रोकथाम लगाने को लेकर भी सुनवाई कर रही है।