व्यापार: अदाणी ग्रुप ने मंगलवार को बैटरी बैटरी ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में कदम रखने की घोषणा की है। समूह गुजरात के खावड़ा में 1,126 मेगावॉट / 3,530 मेगावॉट-घंटा (MWh) क्षमता वाला बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (बीईएसएस) स्थापित करेगा। यह परियोजना न केवल भारत की सबसे बड़ी, बल्कि दुनिया के सबसे बड़े एकल-स्थान ऊर्जा भंडारण प्रोजेक्ट्स में से एक होगी।
परियोजना को मार्च 2026 तक चालू करने का लक्ष्य
कंपनी के अनुसार, इस अत्याधुनिक सुविधा में 700 से अधिक बैटरी कंटेनर लगाए जाएंगे और इसे मार्च 2026 तक चालू करने का लक्ष्य रखा गया है। यह यूनिट खावड़ा में बन रहे दुनिया के सबसे बड़े अक्षय ऊर्जा कॉम्प्लेक्स का हिस्सा होगी।
नवीकरणीय ऊर्जा को स्थिर बनाएगा बीईएसएस सिस्टम
बैटरी स्टोरेज सिस्टम का उद्देश्य सौर और पवन जैसी नवीकरणीय ऊर्जा को अधिक विश्वसनीय बनाना है। यह तकनीक बिजली को तब उपयोग के लिए सहेजती है, जब उत्पादन कम या न के बराबर हो, जैसे रात के समय या कम हवा वाले दिनों में। इससे ग्रिड स्थिरता बढ़ती है, बिजली बिल घटते हैं और जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम होती है।
उन्नत लिथियम-आयन तकनीक का इस्तेमाल
अदाणी समूह ने बताया कि यह प्रोजेक्ट उन्नत लिथियम-आयन बैटरी तकनीक और एनर्जी मैनेजमेंट सिस्टम के साथ तैयार किया जा रहा है, ताकि बेहतर प्रदर्शन और दक्षता सुनिश्चित हो सके। परियोजना की क्षमता ऐसी होगी कि यह 1,126 मेगावॉट बिजली को लगभग तीन घंटे तक स्टोर और सप्लाई कर सकेगी।
जानें चेयरमैन गोतम अदाणी ने क्या कहा
अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी ने कहा कि ऊर्जा भंडारण, नवीकरणीय ऊर्जा आधारित भविष्य की आधारशिला है। इस ऐतिहासिक परियोजना के माध्यम से हम न केवल वैश्विक मानक स्थापित कर रहे हैं, बल्कि भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता और स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी दोहरा रहे हैं।
2030 तक 50 GWh भंडारण क्षमता का लक्ष्य
समूह ने बताया कि वह अपनी स्टोरेज क्षमता को 2027 तक 15 GWh और अगले पांच वर्षों में 50 GWh तक बढ़ाने की योजना बना रहा है। कंपनी का यह निवेश भारत को बड़े पैमाने पर स्वच्छ ऊर्जा अवसंरचना में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।









