- केंद्र द्वारा प्रभावी पूंजीगत व्यय जीडीपी का 4.5 प्रतिशत होगा
- राज्यों को 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण एक और वर्ष तक जारी रहेगा
- निजी निवेश के लिए हितधारकों की सहायता हेतु अवसंरचना वित्त सचिवालय
नई दिल्ली । केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने संसद में केन्द्रीय बजट 2023-24 पेश करते हुए कहा कि वृद्धि और रोजगार के वाहक के रूप में पूंजीगत निवेश की परिकल्पना करते हुए हाल के वर्षों की परिपाटी को जारी रखते हुए केंद्रीय बजट 2023-24 में पूंजीगत निवेश परिव्यय में तीव्र वृद्धि का प्रस्ताव किया गया है।श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा ‘‘हाल की वर्षों में हुई पर्याप्त वृद्धि विकास संभावनाओं और रोजगार सृजन में तेजी लाने निजी निवेशों को जोरदार तरीके से बढ़ाने और वैश्विक मंदी के प्रति सुरक्षा कवच लगाने के सरकार के प्रयासों के मूल में है। ’’ वित्त मंत्री ने पूंजीगत निवेश परिव्यय में लगातार तीसरे वर्ष 33 प्रतिशत की तीव्र वृद्धि करते हुए इसे 10 लाख करोड़ रुपए तक करने का प्रस्ताव किया है जो जीडीपी का 3.3 प्रतिशत और वर्ष 2019-20 के परिव्यय से लगभग तीन गुणा अधिक होगा।
प्रभावी पूंजीगत व्यय
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि केंद्र द्वारा प्रत्यक्ष पूंजीगत निवेश राज्यों को सहायता अनुदान के माध्यम से पूंजीगत आस्तियों के सृजन के लिए किए गए प्रावधान द्वारा संपूर्ण किया जाता है। उन्होंने कहा कि केंद्र के ‘‘प्रभावी पूंजीगत व्यय’’ का बजट 13.7 लाख करोड़ रुपए अर्थात जीडीपी का 4.5 प्रतिशत होगा।
राज्यों को ब्याज मुक्त ऋण जारी रहेगा
अवसंरचना में निवेश में तेजी लाने और राज्यों को संपूरक नीतिगत कार्रवाइयों के लिए प्रोत्साहित करने के लिए वित्त मंत्री ने परिव्यय में 1.3 लाख करोड़ रुपए में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ राज्य सरकारों को 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण एक और वर्ष तक जारी रखने का प्रस्ताव किया है।
अवसंरचना वित्त सचिवालय
वित्त मंत्री ने वर्ष 2023-24 के बजट भाषण में कहा कि महामारी की सुस्त अवधि के बाद निजी निवेश में दोबारा वृद्धि हो रही है। प्रमुखत: सार्वजनिक संसाधनों पर निर्भर रहने वाले क्षेत्रों में निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए श्रीमती सीतारमण ने कहा कि नवस्थापित अवसरंचना वित्त सचिवालय रेलवे सड़क शहरी अवसंरचना और विद्युत जैसे ढांचागत क्षेत्रों में और अधिक निजी निवेश के लिए सभी हितधारकों की सहायता करेगा।