CNG PNG Price : महंगाई की मार झेल रही आम जनता को गैस के मामले में बड़ी राहत मिल सकती है। देश में जल्द ही सीएनजी (CNG) और पीएनजी (PNG) के दाम कम होने वाले हैं. पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को कैबिनेट बैठक में सीएनजी-पीएनजी के दाम समेत कई मुद्दों पर अहम फैसले लिए गए. सरकार ने कीमतों के नियंत्रण के लिए प्राकृतिक गैस की कीमत तय करने के लिए नए तरीके को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को कैबिनेट की बैठक के बाद बताया कि एपीएम गैस के रूप में मान्यता प्राप्त पारंपरिक क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस को अब अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे देशों में गैस की कीमतों के बजाय कच्चे तेल की कीमत से जोड़ा जाएगा।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी जानकारी
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि अब सीएनजी और पाइप से आपूर्ति की जाने वाली पीएनजी गैस की कीमतों (CNG-PNG Price) पर अधिकतम सीमा तय करने का फैसला लिया गया है. इसके लिए एपीएम गैस पर 4 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू के आधार मूल्य को मंजूरी दी गई है. इसके साथ ही प्रति एमएमबीटीयू 6.5 डॉलर अधिकतम मूल्य रखने का भी फैसला लिया गया है.
दाम तय करने के लिए बनाया गया ये फॉर्मूला
मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट में अप्रूव किए गए नए फॉर्मूले के तहत अब सीएनजी-पीएनजी गैस की कीमतें (CNG PNG Price) क्रूड आयल से लिंक की जाएंगी. घरेलू गैस के दाम अब भारतीय क्रूड बास्केट के वैश्विक दाम के मासिक औसत का 10% होगी. इस कीमत को हर महीने नोटिफाई किया जाएगा. इस फॉर्मूले से PNG की कीमतों में 10 % तक की कमी आएगी. वहीं CNG की कीमतों में 7-9 % की कमी आएगी. इससे आम घरेलू उपभोक्ताओं से लेकर किसानों और गाड़ी चलाने वाले लोगों को बड़ा फायदा होगा.
पहले ऐसे तय होती थीं कीमतें
अब तक सरकार साल में 2 बार सीएनजी-पीएनजी के दाम (CNG PNG Price) तय करती थीं. यह कीमतें एक अप्रैल और एक अक्टूबर को घोषित की जाती थीं. इन कीमतों के निर्धारण के लिए कनाडा, अमेरिका और रूस जैसे देशों में एक साल में एक चौथाई के अंतराल के साथ प्रचलित दरों को बेस बनाया जाता था. अब नई नीति में मूल्य निर्धारण के इस तरीके को बदलकर उसे आयात होने वाले क्रूड आयल की कीमतों से जोड़ दिया गया है और अब ये कीमतें मासिक तौर पर घोषित की जाएंगी.
शनिवार से लागू होगा फैसला
सरकार इस बदलाव की घोषणा के लिए शुक्रवार को अधिसूचना जारी करेगी और यह फैसला शनिवार से लागू हो जाएगा। सरकार ने एक बयान में कहा कि इस तरह की प्राकृतिक गैस की कीमत भारतीय क्रूड बास्केट के मासिक औसत का 10 प्रतिशत होगी।
आपको बता दें कि भारत 2030 तक प्राथमिक ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को मौजूदा 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य बना रहा है। सुधारों से प्राकृतिक गैस की खपत का विस्तार करने में मदद मिलेगी और उत्सर्जन में कमी और कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
उपभोक्ताओं को कितना फायदा?
तेल मंत्री हरदीप पुरी ने ट्वीट करके इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस कदम से उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा होगी। वर्तमान में, घरेलू गैस की कीमतें हर छह महीने में चार गैस ट्रेडिंग हब- हेनरी हब, अल्बेना, नेशनल बैलेंसिंग पॉइंट (ब्रिटेन) और रूस में कीमतों के आधार पर तय की जाती हैं।
सरकार ने कहा है कि चार गैस हब पर आधारित मूल्य निर्धारण पद्धति में समय अंतराल अधिक था और बहुत अधिक अस्थिरता थी, इसलिए इस सुधार की आवश्यकता महसूस की गई।