Maruti Suzuki: बढ़ती महंगाई और पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच एक राहत भरी खबर आई है। हाल ही में दिग्गज जापानी कार निर्माता सुजुकी ने एक ऐसी कार पेश की गई है जिसे चलाने के लिए पेट्रोल, डीजल और इथेनॉल की कोई जरूरत नहीं है। इतना ही नहीं इस कार को चलाने के लिए सीएनजी की भी जरूरत नहीं पड़ती है। जापान के टोकयो ऑटो शो में सुजुकी द्वारा पेश की गई वैगनआर (WagonR) कंप्रेस्ड बायो गैस यानी CBG से चलती है, जिसे कचरे और गोबर से तैयार किया जाता है। यानी यह पूरी तरह से आत्मनिर्भर कार है। जिसे चलाने के लिए पेट्रोल, डीजल या सीएनजी नहीं बल्कि सस्ते में तैयार होने वाले कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) जैसे ईंझन से चलाया जा सकता है, जिसके लिए सरकार को दूसरे देशों से आयात की जरूरत नहीं पड़ेगी। ऐसे वाहनों का उद्देश्य पेट्रोलियम फ्यूल की खपत को कम कर प्रदूषण में कमी लाना है।
क्या है सीबीजी?
सीएनजी (कंप्रेस्ड नैचुरल गैस) की तरह, सीबीजी (कंप्रेस्ड बायो गैस) का उपयोग इंजन को चलाने के लिए किया जा सकता है। सीएनजी पेट्रोलियम स्रोतों से प्राप्त होता है, जबकि सीबीजी खेती से निकले कचरे, गाय के गोबर, सीवेज और यहां तक कि नगरपालिका के कचरे जैसे कार्बनिक पदार्थों के डीकंपोज होने से प्राप्त होता है। डीकंपोजिशन प्रक्रिया के बाद, बायोगैस को कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को कम करने के लिए एक शोधन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है जो ईंधन में मीथेन की मात्रा को बढ़ा देता है और इससे यह गैस गाड़ियों को चलाने लायक बन जाती है।
वैगनआर सीबीजी
चूंकि सीबीजी जैविक स्रोतों से प्राप्त किया जाता है, इसलिए डीकंपोजिशन के बाद तैयार हुए वेस्ट उत्पाद का उपयोग कृषि उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। 2020 में तत्कालीन तेल मंत्री, धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि देश में 2023 तक 5,000 डीकंपोजिशन प्लांट्स से 1.5 करोड़ टन बायोगैस का उत्पादन करने के लिए 24 बिलियन डॉलर (लगभग 200 करोड़ रुपये) का निवेश करने की योजना बनाई है। इस कदम से भारत को ईंधन के आयत में कटौती करने में मदद मिलेगी। वर्तमान में भारत अपनी घरेलू मांग को पूरा करने के लिए बड़ी मात्रा में सीएनजी का आयात करता है।
वैगनआर CBG
आपको बता दें कि वैगनआर CBG को मारुति सुजुकी इंडिया ने भारत में ही विकसित किया है। कंपनी 2022 से वैगनआर सीबीजी पर काम कर रही है। दिसंबर 2022 में, मारुति सुजुकी ने एक फ्लेक्स-फ्यूल वैगनआर प्रोटोटाइप भी पेश किया था जो E20 फ्यूल पर चल सकती थी। कुछ महीने पहले कंपनी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा था कि केवल ईवी पर निर्भर रहने के बजाय हाइब्रिड टेक्नोलॉजी, सीबीजी और सीएनजी के इस्तेमाल से देश में कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में मदद मिलेगी।