करेंसी की कमजोरी, सोना-चांदी में रिकॉर्ड उछाल – बिजनेस अपडेट एक क्लिक में

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व्यापार: भारतीय और वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़ी कई खबरें मंगलवार को कारोबार जगत की सुर्खियां बनीं। भारतीय शेयर बाजार में अस्थिरता हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन भी जारी रही। दोनों बेंचमार्क सूचकांक लगभग सपाट खुले और लाल निशान पर ही बंद हुए। भारतीय शेयर बाजार में घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की सक्रियता में इस साल अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। डीआईआई ने सिर्फ 9 महीनों में ही रिकॉर्ड 5.3 लाख करोड़ के शेयर खरीदे हैं। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। आइए बिजनेस राउंडअप में इन खबरों पर विस्तार से एक नजर डालें।

मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ शेयर बाजार
बेंचमार्क शेयर सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी मंगलवार को लगातार तीसरे दिन उतार-चढ़ाव भरे कारोबार के बाद गिरावट के साथ बंद हुए। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 57.87 अंक या 0.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 82,102.10 पर बंद हुआ। 50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 32.85 अंक या 0.13 प्रतिशत गिरकर 25,169.50 पर आ गया। ऑटोमोबाइल की बुकिंग में तीव्र वृद्धि से ऑटो शेयरों में तेजी आई। अग्रणी कार निर्माता कंपनियों मारुति सुजुकी और हुंडई मोटर इंडिया की सोमवार को बंपर बिक्री हुई, जहां खरीदार नई जीएसटी व्यवस्था के तहत कम कीमत पर अपने पसंदीदा मॉडल खरीदने के लिए कतार में खड़े दिखे। 

52 पैसे टूटकर 88.82 प्रति डॉलर के सबसे निचले स्तर पर
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से एच-1बी वीजा शुल्क में भारी वृद्धि से बाजार में उथल-पुथल मचने के बीच मंगलवार को रुपये में गिरावट जारी रही। मंगलवार को कारोबार के दौरान रुपया 52 पैसे टूटकर 88.82 प्रति डॉलर के सर्वकालिक निम्न स्तर पर आ गया। विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार एच-1बी वीजा शुल्क में वृद्धि से भारत के आईटी क्षेत्र से धन प्रेषण और संभावित इक्विटी बिकवाली से जुड़ी चिंताएं पैदा हो गई हैं। यह भारतीय मुद्रा के लिए दोहरी मार है, ऐसे समय में जब इस वर्ष विदेशी निवेश पहले से ही कमजोर है। 

निजी क्षेत्र की रक्षा कंपनियों में दो अंकों की वृद्धि दर का अनुमान
भारत की निजी रक्षा कंपनियों की वृद्धि जारी रहेगी। क्रिसिल रेटिंग्स के अनुसार 2025-26 में मजबूत घरेलू मांग के कारण राजस्व में मजबूत वृद्धि देखने को मिलेगी। रेटिंग एजेंसी को उम्मीद है कि निजी रक्षा कंपनियां 16 से 18 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज करेंगी। यह वित्त वर्ष 2022 और 2025 के बीच 20 प्रतिशत की सीएजीआर के बाद है। रिसर्च और विकास (आरएंडडी) और पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में निवेश ने कंपनियों की क्षमताओं को मजबूत किया है। इससे उन्हें बड़े ऑर्डर हासिल करने में मदद मिली। इस वित्त वर्ष के अंत तक कुल ऑर्डर बुक 55,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। 

एसएंडपी ने भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.5% पर बरकरार रखा
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। रेटिंग एजेंसी ने मोटे तौर पर अनुकूल रहे मानसून के बीच मजबूत घरेलू मांग का हवाला देते हुए यह अनुमान लगाया है। एसएंडपी ने यह भी कहा कि उसे इस वित्त वर्ष में आरबीआई की ओर से 25 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद है। एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति के अपने पूर्वानुमान को घटाकर 3.2 प्रतिशत कर दिया है। अप्रैल-जून तिमाही में भारत की जीडीपी 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी।

ईपीएफओ ने जुलाई में 21.04 लाख नए सदस्य जोड़े
सेवानिवृत्ति कोष निकाय ईपीएफओ ने जुलाई 2025 के दौरान 21.04 लाख शुद्ध सदस्य जोड़े। इसमें सालाना आधार पर 5.55 प्रतिशत की वृद्धि हुई। मंगलवार को जारी नवीनतम पेरोल आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने जुलाई 2025 में लगभग 9.79 लाख नए ग्राहकों को नामांकित किया। इसका मुख्य कारण रोजगार के बढ़ते अवसर, कर्मचारी लाभों के बारे में बढ़ती जागरूकता और ईपीएफओ के सफल आउटरीच कार्यक्रम हैं। 

वैश्विक बाजार से जुड़ी जोखिमों के कारण सोना-चांदी रिकॉर्ड हाई पर
फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती और वैश्विक संकेतों के चलते सोने-चांदी की कीमतों में उछाल का सिलसिला जारी है। राजधानी दिल्ली में मंगलावर को सोने की कीमत 2,700 रुपये की तेजी के साथ 1,18,900 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए शिखर पर पहुंच गई। चांदी की कीमत भी 3,220 रुपये की तेजी के साथ 1,39,600 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई। 

घरेलू निवेशकों ने 9 माह में खरीदे रिकॉर्ड 5.3 लाख करोड़ के शेयर
भारतीय शेयर बाजार में घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की सक्रियता में इस साल अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। डीआईआई ने सिर्फ 9 महीनों में ही रिकॉर्ड 5.3 लाख करोड़ के शेयर खरीदे हैं, जो 2024 के पूरे साल में 5.22 लाख करोड़ के निवेश से अधिक है। यह खरीदी विशेष रूप से म्यूचुअल फंड्स ने की है, जिनका कुल खरीदारी में योगदान 3.65 लाख करोड़ रुपये रहा। इसमें हर महीने 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) में निवेश भी शामिल है। म्यूचुअल फंड्स के अलावा बीमा कंपनियों और पेंशन फंड्स ने भी एक लाख करोड़ से अधिक निवेश किया।