रेपो रेट स्थिर रखने का निर्णय, गवर्नर मल्होत्रा ने की पुष्टि

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व्यापार : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मुंबई में आज प्रमुख नीतिगत दरों की घोषणा की। तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक समाप्त होने के बाद उन्होंने बताया कि ब्याज दरों को भारतीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति और देश में मौजूद क्षमता को देखते हुए तय किया गया है। संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट में कमी का एलान नहीं किया। इससे पहले उन्होंने जून की मॉनेटरी पॉलिसी में रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट्स का एलान किया था। अप्रैल की पॉलिसी में भी केंद्रीय बैंक ने 25 बेसिस प्वाइंट्स की कमी की थी। फिलहाल यह 5.50% पर बरकरार है।

'आगामी त्योहारी सीजन से उत्साहजनक नतीजे मिलने की उम्मीद'

इस दौरान आरबीआई के गवर्नर ने सबसे पहले कहा कि मानसून सीजन अच्छा रहा है। आगामी त्योहारी सीजन का जिक्र करते हुए गवर्नर ने कहा कि इससे आर्थिक मार्चे पर उत्साहजनक नतीजे मिलने की आशा है। उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार चुनौतियों के बीच सरकार और आरबीआई की सकारात्मक और सहारा देने वाली नीतियां अर्थव्यस्था के लिए बेहतर साबित होंगी। आरबीआई गवर्नर ने भूराजनीतिक अनिश्चितता को भी रेखांकित किया। बदलते वैश्विक समीकरण के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था शानदार अवसरों और ठोस बुनियाद के साथ मजबूती से आगे बढ़ रही है।

क्या है आरबीआई की एमपीसी की संरचना और बैठक की अहमियत

बता दें कि बीते 4 अगस्त को शुरू हुई इस बैठक का मकसद रेपो दरों की समीक्षा करने के साथ-साथ आगामी महीनों में रिजर्व बैंक के नीतिगत रुख को निर्धारित करना था। गौरतलब है कि छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति का नेतृत्व आरबीआई गवर्नर करते हैं। इसमें केंद्रीय बैंक के तीन अधिकारी और भारत सरकार द्वारा नामित तीन बाहरी सदस्य शामिल होते हैं। एमपीसी प्रत्येक दो माह में बैठक कर प्रमुख ब्याज दरों पर निर्णय लेती है तथा देश की मौद्रिक नीति की दिशा निर्धारित करती है।