Thursday, October 5, 2023
Homeबिज़नेसएक ही गहने का बनेगा कई बार ई-वे-बिल, जानिए नियम

एक ही गहने का बनेगा कई बार ई-वे-बिल, जानिए नियम

E-Way Bill on Jewellery: उत्तर प्रदेश में 90 प्रतिशत छोटे सर्राफा कारोबारी हैं, जिन्हें एक ही गहना बनवाने के लिए कई-कई बार ई-वे-बिल बनाना पड़ेगा। एक आभूषण कई कारखानों में बनकर तैयार होता है, ऐसे में जितनी बार वो कारखाने से निकलेगा उतनी ही बार ई बिल जेनरेट करवाना पड़ेगा। केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड ने सभी राज्य सरकारों को अपने-अपने राज्यों में दो लाख से ज्यादा गोल्ड ज्वेलरी के मूवमेंट पर ई वे बिल जारी करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

अक्टूबर से यह नियम प्रभावी हो जाएगा

प्रदेश के बाहर सोना, चांदी या कीमती धातू बेचने पर अभी ई बिल अनिवार्य नहीं है। अक्टूबर से यह नियम प्रभावी हो जाएगा। इस नए नियम के आने के बाद सर्राफा कारोबारियों को कई तरह की मुश्किलें होने लगेगी। सर्राफा कारोबार पर ई-वे बिल प्रस्तावित किया गया है। इस बिल के आने से दो लाख से ज्यादा के आभूषणों ( सोना, चांदी या कीमती धातू) के इंटर स्टेट ट्रांसपोर्ट पर कारोबारियों को ई बिल जेनरेट करना होगा।

फेडरेशन ने बदलाव की मांग की

ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन ने बदलाव की मांग की है। फेडरेशन का कहना है कि छोटे सर्राफा कारोबारियों को इस नियम से सबसे ज्यादा नुकसान होगा। ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोड़ा के नेतृत्व में बारह राज्यों के सर्राफा व्यापारियों की बैठक हुई। इसमें तय किया गया कि फेडरेशन के सभी प्रदेश अध्यक्ष अपने राज्य के वित्त मंत्रियों से मुलाकात करेंगे।

जानिए क्या है ई-वे बिल

किसी भी वाहन से माल भेजने पर उसके साथ ऑनलाइन बिल भेजना पड़ता है। इसे ही ई वे बिल कहा जाता है। जीएसटी नियम के तहत अगर किसी गाड़ी से 50 हजार रुपए से ज्यादा की धातु भेजी जाती है तो उस पर ई-वे बिल जरूर होना चाहिए। ई-वे बिल के फॉर्म में दो पार्ट होते हैं।पहले हिस्से में माल की जानकारी,वजन और कीमत वगैरह बताई जाती है। फॉर्म के दूसरे हिस्से में वाहन संख्या और पहचान का जिक्र होता है। इसमें दूरी की जानकारी भी होती है।

हॉलमार्किंग के लिए ई बिल जरूरी

लेन-देन और आभूषण बनाने और हॉलमार्किंग के लिए माल भेजने पर ई बिल जरूरी है। राज्य के भीतर आभूषण ट्रांसपोर्ट करने पर भी ई बिल जरूरी बताया जा रहा है। इसी को लेकर विवाद है। एक राज्य से दूसरे राज्य में माल ट्रांसपोर्ट करने में ई बिल की जरूरत नहीं होगी। ई-वे बिल तमाम पंजीकृत कारोबारी के लिए लागू किए जाते हैं। कई बार अपंजीकृत ग्राहक एक्सचेंज या बिक्री के लिए पुराना सोना लेकर स्टोर या शोरूम पर जाते हैं। इन मामलों में ई-वे बिल जेनरेट करने की जरूरत नहीं होगी।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments