कोरोना के बाद अर्थव्यवस्था के खुलने व डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि से ट्रक माल ढुलाई महंगी हो गई है। कुछ रूट पर इसके किराये में 91 फीसदी तक की बढ़त हुई है। इससे सामानों की कीमतें भी बढ़ गई हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा की एक रिपोर्ट के अनुसार, 15 टन सामान वाले ट्रक का दिल्ली से किराया इस समय 22,000 रुपये है जो 2016-17 में 11,517 रुपये था। यानी यह 91 फीसदी बढ़ गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली से बंगलूरू का किराया 35.1% बढ़कर 82,936 रुपये, जबकि हैदराबाद का किराया 10.2% बढ़कर 64,300 रुपये हो गया है। चेन्नई का 10.5 फीसदी बढ़कर 86,116 रुपये जबकि त्रिवेंद्रम का किराया 11.7% बढ़कर 89,779 रुपये हो गया है। गुवाहाटी का किराया 10.7% बढ़त के साथ 90,015 रुपये है। हालांकि, पटना के किराये में 24.2 फीसदी की कमी आई है और यह 46,201 से घटकर 35,000 रुपये रह गया है।
हालांकि, हाल में डीजल की कीमतों में नरमी के बाद सरकार द्वारा 6 रुपये प्रति लीटर की उत्पाद शुल्क में कटौती ने भी इसी अवधि में माल ढुलाई दरों में कमी में योगदान दिया है। बैंक की हालिया जारी इस विस्तृत रिपोर्ट में कहा गया है कि जब-जब डीजल की कीमतें घटी हैं, तब-तब ट्रकों की माल ढुलाई के किराये भी घटे हैं। लेकिन देश में लंबे समय से डीजल की कीमतें ऊपर बनी हुई हैं।
16 रूट वाले इंडेक्स में 14 फीसदी की बढ़त
रिपोर्ट के अनुसार, 16 रूट वाले इंडेक्स पर 2016-17 की तुलना में किराया औसत 14 फीसदी बढ़ा है जबकि इसी दौरान डीजल की कीमतें 56.9 रुपये लीटर से 67 फीसदी बढ़ कर 95.1 रुपये लीटर हो गई हैं। वित्त वर्ष 2020 और 2021 में कोरोना के लॉकडाउन और अर्थव्यवस्था में धीमेपन के कारण शीर्ष 3 महानगरों में ट्रकों के किराये में कमी आई थी।