अगली तिमाही में GDP की उम्मीद 7.2% की, निजी खपत ने बढ़ाई उम्मीदें

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व्यापार: देश की अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-जून अवधि के बाद दूसरी तिमाही में भी 7.2 फीसदी की मजबूत रफ्तार से बढ़ने की उम्मीद है। निजी खपत में मजबूत वृद्धि इसकी प्रमुख चालक होगी। अप्रैल-जून में वास्तविक जीडीपी की वृद्धि दर पांच तिमाहियों में सबसे तेज 7.8 फीसदी रही थी, जबकि 2024-25 की दूसरी तिमाही में यह 5.6 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी थी।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) 28 नवंबर को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के जीडीपी वृद्धि के आंकड़े जारी करेगा। रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने बुधवार को एक रिपोर्ट में कहा, वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में निजी खपत सालाना आधार पर आठ फीसदी बढ़ेगी। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में यह सात फीसदी और दूसरी तिमाही में 6.4 फीसदी बढ़ी थी।

आयकर में राहत से उपभोग मांग को समर्थन
रेटिंग एजेंसी के अर्थशास्त्री एवं कार्यकारी निदेशक पारस जसराय ने कहा, उच्च एवं निम्न आय वाले परिवारों की स्थिर वास्तविक आय बढ़ने के कारण निजी खपत में उछाल वृद्धि का एक प्रमुख चालक है। आयकर कटौती से भी उपभोग मांग को बल मिला। अगर जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने के कारण खरीदारी के फैसले स्थगित नहीं किए गए होते, तो निजी उपभोग और भी तेजी से बढ़ता।

विनिर्माण-सेवा क्षेत्र से भी वृद्धि दर को सहारा
जसराय ने कहा, विनिर्माण क्षेत्र में माल निर्यात वृद्धि के साथ मजबूत सेवा क्षेत्र ने दूसरी तिमाही में आपूर्ति पक्ष से जीडीपी वृद्धि को बढ़ावा दिया। इस दौरान निवेश मांग 7.5 फीसदी की मजबूत दर से बढ़ी है, जिसमें स्थिर सरकारी पूंजीगत खर्च महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।