पिछले हफ्ते सोना टूटा 14 साल के निचले स्तर पर, चांदी में भी 7% की गिरावट

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व्यापार: लगातार रिकॉर्ड ऊंचाई बना रहे सोना और चांदी की चमक फीकी पड़ने लगी है। वैश्विक बाजार में सितंबर, 2011 के बाद सोने की कीमतों में पिछले हफ्ते सबसे बड़ी गिरावट देखी गई। यह इस दौरान 4,400 डॉलर प्रति औंस से घटकर 4,036 डॉलर प्रति औंस हो गई है।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोना प्रति दस ग्राम अब 1.23 लाख रुपये पर आ गया है। यह 17 अक्तूबर को 1,34,800 रुपये रहा था। यानी करीब 12,000 रुपये की कमी आई है। चांदी भी 1.84 लाख रुपये प्रति किलो से घटकर 1.72 लाख रुपये पर आ गई है। यह भी 12,000 रुपये घटी है। न्यूयॉर्क में सोने का वायदा भाव सोमवार को रिकॉर्ड 4,374 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ।

मंगलवार को 250 डॉलर (या 5.74%) से अधिक गिर गया। सितंबर, 2011 के बाद से फीसदी के लिहाज से एक दिन में यह सबसे बड़ी गिरावट है। आर्थिक अनिश्चितता के बीच सोने की बिक्री अक्सर तेजी से बढ़ती है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दुनिया भर से आयात पर लगाए गए टैरिफ की बौछार, महंगाई को लेकर बढ़ती चिंताओं और अब हफ्तों से चल रहे अमेरिकी सरकार के बंद के बीच अधिकतर निवेशक सोने की ओर रुख कर रहे।

उससे भी पहले देशों के बीच तनाव और केंद्रीय बैंकों की मजबूत मांग ने हाल के वर्षों में सोने की बढ़त को बढ़ावा दिया था। विश्लेषकों के मुताबिक, कीमती धातुएं अस्थिर हो सकती हैं। इसलिए सोने के मूल्य में रोजाना उतार-चढ़ाव असामान्य बात नहीं है। इस हफ्ते की गिरावट अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव कम होने की उम्मीदों से प्रेरित थी। कुछ का अनुमान है कि सोने के भाव आगे और घट सकते हैं। ब्यूरो

चांदी: 7% टूटी
न्यूयॉर्क में चांदी के वायदा भाव मंगलवार को 7 फीसदी से अधिक गिर गए। यह 47.60 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी, जो पिछले सप्ताह के रिकॉर्ड 53.44 डॉलर से कम है। हाल में दोनों बहुमूल्य धातुओं में गिरावट के बीच इस साल सोने के भाव 50,000 रुपये प्रति दस ग्राम से ज्यादा बढ़े हैं। चांदी 94,000 रुपये प्रति किलो महंगी हुई है।

निवेश के लिए सुरक्षित ठिकाना
सोने में निवेश के समर्थक इसे एक सुरक्षित ठिकाना बताते हैं। उनका तर्क है कि यह निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाने और उसे संतुलित करने में मदद कर सकती है। बढ़ती महंगाई के खिलाफ बचाव के रूप में भविष्य में संभावित जोखिमों को कम कर सकती है। फिर भी, विशेषज्ञों की सलाह है कि पूरे पैसे सोने और चांदी में ही न लगाएं।