शेयर मार्केट : कोविड काल में जब दुनिया भर के कई देशों की आर्थिक हालत गड़बड़ा गई थी और दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका तक को आज भी आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में भारत की अर्थव्यवस्था चमत्कारिक रूप से दुनिया में सर उठाए खड़ी है। दुनिया भर के देशों चीन, इंग्लैैंड, जापान जैसे देशों भारत की अर्थव्यवस्था का लोहा तो मान ही लिया है और अब कई देश भारत में अपना निवेश बढ़ाते चले जा रहे हैैं। जापान जैसे विकसित और आर्थिक रूप से संपन्न देश ने भी चीन में रूचि न दिखाकर भारत की और अपना निवेश करने का रुख कर लिया है। कई जापानी कंपनियां भारत में निवेश के लिये इच्छुक हैैं और कई ने निवेश की तैयारी पूरी कर ली है। ऐसी कई जापानी कंपनियां हैैं जिन्होंने चीन से अपना निवेश भारत की ओर शिफ्ट कर लिया है। अब भारत आर्थिक गतिविधियां के सबसे बड़े केंद्र जो शेयर बाजार होता है उसमें भी एक बड़ी छलांग लगाते हुए बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है। भारत ने इस दिशा में हांगकांग शेयर मार्केट को पीछे छोड़ते हुए अब दुनिया में अपना स्थान चौथ स्थान पर पहुंच चुका है। ब्लूमबर्ग ने जो आकड़े जारी किये उसके अनुसार भारतीय एक्सचेंजों में लिस्टेड शेयरों की कंबाइन वैल्यू सोमवार को ही 4.33 ट्रिलियन डालर बतायी गई है इसके विपरीत हांगकांग में यह आंकड़ा 4.29 ट्रिलियन डालर का था। इन आकड़ों के अनुसार भारतीय शेयर बाजार अब दुनिया का चौथा सबसे बड़ा शेयर बाजार बन चुका है।
एक जानकारी के अनुसार घरेलू मार्केट का मार्केट कैप 5 दिसंबर को पहली बार 4 ट्रिलियन डॉलर को पार हुआ था। इसमें से लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर पिछले चार वर्षों में आया था। तेजी से बढ़ते खुदरा निवेशक आधार और मजबूत कॉर्पोरेट इनकम के कारण भारत में इक्विटी तेजी से बढ़ रही है। दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश ने खुद को चीन के विकल्प के रूप में स्थापित किया है। भारतीय बाजार अब ग्लोबल इन्वेस्टर्स और कंपनियों से नई पूंजी आकर्षित कर रहा है। बीजिंग के कड़े कोविड-19 प्रतिबंध, निगमों पर नियामक कार्रवाई, प्रापर्टी सेक्टर में संकट और पश्चिम के साथ भू-राजनीतिक तनाव ने मिलकर दुनिया के विकास इंजन के रूप में चीन की उम्मीद को खत्म कर दिया है। चीनी और हांगकांग के शेयरों की कुल मार्केट वैल्यू 2021 में अपने चरम पर पहुंचने के बाद से 6 ट्रिलियन डॉलर से अधिक गिर गया है
हांगकांग में नई लिस्टिंग नहीं हो रही
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कहा जा रहा है कि हांगकांग जो कि आईपीओ हब के लिये दुनिया में जाना जाता था लेकिन अब यह अपनी स्थिति खो रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार यूबीएस ग्र्रुप एजी का मानना है कि इस स्थिति में पुन: बदलाव आएगा और 2024 में चीनी शेयर बाजार अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैैं। हालांकि अभी हांगकांग बे शेयर बाजार में नई लिस्टिंग नहीं हो रही है और यही कारण है कि भारत का शेयर बाजार अपनी स्थिति मजबूत करता हुआ नजर आ रहा है और अब वह विश्व का चौथा सबसे बड़ा शेयर मार्केट बन चुका है। लंदन की थिंक टैैंक आफिशियल मानेटरी एंड फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस फोरम के हाल ही में किये गये अध्ययन के अनुसार विदेशों फंडों ने 2023 में भारत के शेयर बाजार में 21 अरब डालर से अधिक का निवेश किया गया है और यही कारण है कि देश के बेंचमार्क एसएडपी बाएसई, सेंसेक्स इंडेक्स को लगातार आठवें साल बढ़त हासिल करने में कामयाबी हासिल की है।