शेयर बाजार में इस समय निवेशक आईपीओ में पैसा इंवेस्ट करना ज्यादा पसंद कर रहे है, इसी क्रम में जल्द ही NSE भी अपना आईपीओ लाने वाला है. जिसको लेकर निवेशकों में जबरदस्त उत्साह बना हुआ है. जिसके चलते नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के शेयरों को लेकर भारत के अनलिस्टेड मार्केट में जबरदस्त खरीदारी मची हुई है. आईपीओ की उम्मीद में खुदरा निवेशक सिर्फ तीन महीनों में चार गुना बढ़ गए हैं. अब तक 1 लाख से ज्यादा खुदरा निवेशकों ने NSE के शेयर खरीद लिए हैं. अनलिस्टेड शेयर बाजार में ऐसा उछाल पहले कभी नहीं देखा गया.
3 महीने में बढ़े इतने निवेशक
मार्च 2025 में NSE के खुदरा शेयरधारकों की संख्या 33,896 थी, जो जून 2025 में बढ़कर 1,46,208 हो गई. यानी सिर्फ तीन महीनों में चार गुना इजाफा. अब जिन निवेशकों के पास 2 लाख रुपए तक के शेयर हैं, उनका कंपनी में हिस्सा 9.89% से बढ़कर 11.81% हो गई है.
वेल्थ विस्डम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर और एमडी कृष्णा पटवारी के अनुसार “एक तिमाही में NSE के खुदरा शेयरधारकों में इतनी बड़ी बढ़ोतरी पहले कभी नहीं देखी गई,” उन्होंने बताया कि यह उछाल इसलिए भी आया है क्योंकि NSE का बहुप्रतीक्षित आईपीओ अब जल्द ही आ सकता है. माना जा रहा है कि NSE का आईपीओ FY2026 की चौथी तिमाही में BSE पर लिस्ट हो सकता है.
खुदरा निवेशकों में तेजी की ये भी है वजह
खुदरा निवेशकों की इस तेजी के पीछे एक बड़ा कारण नियमों में बदलाव भी है. 24 मार्च 2025 से NSE ने ISIN फ्रीज हटा दिया है, जिससे अब इसके शेयरों को दूसरे अनलिस्टेड शेयरों की तरह आसानी से खरीदा-बेचा जा सकता है. पहले शेयर ट्रांसफर को मंजूरी मिलने में तीन महीने लगते थे, अब यह काम एक दिन में हो रहा है. इससे छोटे निवेशकों को भी मौका मिल गया है.पटवारी ने कहा, “पहले NSE शेयरों का ISIN आसानी से ट्रांसफर नहीं हो पाता था, जिससे खरीद-बिक्री में दिक्कत होती थी. अब सिर्फ 10 शेयरों का भी लेन-देन हो रहा है, जो खुदरा निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी को दिखाता है.”
SEBI के चेयरमैन ने कही ये बात
21 जून को SEBI के चेयरमैन ने भी कहा कि NSE के आईपीओ में अब कोई रुकावट नहीं बची है. NSE ने SEBI को 1,388 करोड़ रुपए देकर को-लोकेशन और डार्क फाइबर विवाद सुलझाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है, जो इसके सार्वजनिक होने में सबसे बड़ी रुकावट थे.
अगर निवेश की बात करें तो NSE का प्रदर्शन भी जबरदस्त रहा है. FY25 में NSE ने 12,188 करोड़ रुपए का नेट प्रॉफिट कमाया, जो सालाना आधार पर 47% ज्यादा है. वहीं कंपनी की कमाई 16% बढ़कर 17,141 करोड़ रुपए हो गई. NSE का भारत के शेयर बाजार में दबदबा है. कैश इक्विटी में 94%, इक्विटी इंडेक्स फ्यूचर्स में 99% और इक्विटी इंडेक्स ऑप्शंस में 88% हिस्सा NSE के पास है.
NSE का मार्केट कैप इतने लाख करोड़
वैश्विक स्तर पर भी NSE दुनिया का सबसे बड़ा डेरिवेटिव एक्सचेंज (वॉल्यूम के हिसाब से) और मार्केट कैप के हिसाब से पांचवां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है. NSE की मौजूदा मार्केट कैप करीब 5.4 लाख करोड़ रुपए है और इसके शेयरों की वैल्यू एक साल में दोगुनी हो गई है. 2024 में NSE ने रिकॉर्ड 268 आईपीओ कराए, जिससे 1.67 लाख करोड़ रुपए जुटाए गए.
NSE में बड़े-बड़े निवेशक भी हिस्सेदार हैं. जून 2025 तक LIC के पास NSE में 10.72% हिस्सा है, अरबपति राधाकिशन दमानी के पास 1.58% हिस्सा है. अन्य बड़े निवेशकों में अरांडा इन्वेस्टमेंट्स, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और SBI कैपिटल मार्केट्स शामिल हैं.