Monday, March 10, 2025
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NPS vs UPS: पेंशन के लिए निवेश की योजना, क्या है आपका सबसे अच्छा विकल्प?

NPS vs UPS: रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा सबसे अहम होती है और इसके लिए सही निवेश की योजना जरूरी है. अगर आपकी योजना रिटायरमेंट के बाद हर महीने 1 लाख रुपए की पेंशन पाने की है, तो इसके लिए आपको सही स्कीम में निवेश करना होगा. राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) और यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (UPS) दो प्रमुख ऑप्शन हैं, जिनके जरिए आप यह टारगेट हासिल कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि किस स्कीम में कितना निवेश करना होगा और कौन-सा ऑप्शन बेहतर रहेगा.

अप्रैल 2025 से लागू होगी

1 अप्रैल, 2025 से सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को दो पेंशन योजनाओं में से चुनने का ऑप्शन मिलेगा. राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ( एनपीएस ) और एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस). जनवरी 2004 में शुरू की गई एनपीएस ने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की जगह ली और केंद्र सरकार के तहत सभी विभागों को कवर करती है.दूसरी ओर, यूपीएस हाल ही में सरकार द्वारा घोषित एक नई पेंशन योजना है, जो अप्रैल 2025 से लागू होगी.

NPS vs UPS

NPS भारत सरकार द्वारा संचालित एक रिटायरमेंट योजना है, जिसमें व्यक्ति को नियमित निवेश करना होता है. इसमें निवेशकों को 60 साल की उम्र के बाद एकमुश्त राशि और पेंशन दोनों मिलती है. इसमें रिटर्न बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है. वहीं, UPS एक प्राइवेट पेंशन स्कीम होती है, जिसमें व्यक्ति अपनी जरूरत के अनुसार इन्वेस्टमेंट प्लान चुन सकता है. इसमें अलग-अलग कंपनियों की योजनाएं होती हैं और निवेश पर मिलने वाला रिटर्न अलग-अलग हो सकता है. यूपीएस के तहत सरकार मूल वेतन और महंगाई भत्ते (डीए) के योग का 18.5% योगदान देगी, जबकि कर्मचारी का योगदान 10% होगा, जो एनपीएस के समान है.

पेंशन गारंटी

एनपीएस में कोई निश्चित पेंशन गारंटी नहीं है, जबकि यूपीएस औसत मूल वेतन के प्रतिशत के आधार पर पेंशन मिलता है. एनपीएस के तहत, इक्विटी, लोन और अन्य बाजार-लिंक्ड फंडों में निवेश करने का ऑप्शन मिलता है, जबकि यूपीएस मुख्य रूप से सरकारी बांड और सुरक्षित स्कीम में निवेश करता है. यूपीएस में सरकार का योगदान एनपीएस से अधिक है.

यूपीएस कम जोखिम वाली योजना

एनपीएस में निवेश बाजार से जुड़ा होता है, जिससे यह अधिक जोखिमपूर्ण हो जाता है, जबकि यूपीएस कम जोखिम वाली योजना है, क्योंकि इसमें निश्चित पेंशन मिलती है. अब सवाल यह है कि 1 लाख रुपए की मासिक पेंशन पाने के लिए दोनों योजनाओं में कितना निवेश करना होगा? आइए आपको इसे विस्तार से समझाते हैं.

यूपीएस: 35 साल की नौकरी के बाद 1 लाख रुपये पेंशन कैसे सुनिश्चित करें?

मान लीजिए कोई 1 अप्रैल 2025 को 25 वर्ष की आयु में सरकारी नौकरी में शामिल होता है और 60 वर्ष की आयु में रिटायर होता है, उसने 35 वर्ष तक नौकरी की है. अगर रिटायरमेंट से पहले आखिरी 12 महीनों का औसत मूल वेतन 2 लाख रुपए प्रति महीने है, तो यूपीएस के तहत 50% की दर से गारंटीड पेंशन मिलेगी, यानी 1 लाख रुपए प्रति महीने. इसके अलावा यूपीएस में हर साल महंगाई के हिसाब से पेंशन बढ़ाने का प्रावधान है. अगर सालाना 4.5 फीसदी की बढ़ोतरी मान लें तो 61 साल की उम्र में पेंशन 1,04,500 रुपए होगी.

एनपीएस: 1 लाख रुपए पेंशन के लिए कितना निवेश जरूरी?

अगर कोई व्यक्ति 25 वर्ष की आयु में काम करना शुरू करता है और 60 वर्ष की आयु में रिटायर होता है, तो उसे हर महीने 16,800 रुपए (10% कर्मचारी योगदान और 14% सरकारी योगदान को मिलाकर) निवेश करने की आवश्यकता होगी. एनपीएस में शामिल होने की उम्र: 25 साल है. हर महीने की योगदान (कर्मचारी + सरकार) 16,800 रुपए है. अनुमानित रिटर्न इन्वेस्टमेंट पर 9 प्रतिशत है. कुल निवेश 70.6 लाख रुपए है तो कुल रिटर्न 4.27 करोड़ रुपए है. इसमें क्लोजिंग अमाउंट 4.98 करोड़ रुपए है. पेंशन के लिए 40% फंड आवंटित 1.99 करोड़ रुपए और पेंशन के लिए 40% फंड आवंटित 1.99 करोड़ रुपए है. अनुमानित रिटर्न इन्वेस्टमेंट 6 प्रतिशत है. एकमुश्त निकासी 60% 2.99 करोड़ रुपए है तो जिससे हर महीने आपकी पेंशन 1 लाख रुपए होगी.

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