Old Pension Scheme: मोदी सरकार करने जा रही बड़ा बदलाव, पेंशन में होगा इतना इजाफा!

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Old Pension Scheme: देशभर में पुरानी पेंशन को लेकर मांग बढ़ती ही जा रही है. नए पेंशन सिस्टम की तुलना में ओल्ड पेंशन की मांग कई राज्यों में की जा रही है. वहीं, कई राज्यों ने नई पेंशन स्कीम को रद्द करके पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लागू कर दिया है. इस बीच केंद्र सरकार ने OPS को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है.

कई राज्यों में लागू हुई OPS

आपको बता दें राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश समेत कई राज्यों में पहले ही नई पेंशन व्यवस्था को बंद करके पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी गई है.

पेंशन सिस्टम में हो बदलाव

सरकारी कर्मचारियों का मानना है कि सरकारी खजाने पर बिना बोझ डाले सरकार मौजूदा पेंशन सिस्टम में बदलाव कर दे, जिससे कर्मचारियों को किसी भी तरह के नुकसान का सामना न करना पड़े. इसके साथ ही उनको पेंशन का भी नुकसान न हो. वर्तमान में नई पेंशन योजना के तहत किसी व्यक्ति के वर्किंग इयर्स के दौरान जमा राशि का 60 फीसदी रिटायरमेंट के समय वापस लेने की अनुमति है, जो पूरी तरह से टैक्स फ्री होता है. शेष 40 फीसदी को एन्युटी (annuity) में निवेश किया जाता है.

क्या है नई पेंशन योजना की समस्या?

अधिकारियों का मानना है कि सरकार एनपीएस में इस तरह से बदलाव करे, जिससे रिटायरमेंट के समय में कर्मचारियों को एकमुश्त राशि के रूप में मोटा पैसा यानी करीब 41.7 फीसदी का योगदान वापस मिल जाएगा. अधिकारी ने कहा कि यह मॉडल ओपीएस के ठीक उल्टा है और यही इसकी एकमात्र समस्या है.

OPS में मिलती है ज्यादा पेंशन

आपको बता दें नई और पुरानी पेंशन योजना में बहुत ही ज्यादा अंतर है, जिसकी वजह से कर्मचारी और पेंशनर्स ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग कर रहे हैं. OPS में रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों को सैलरी की आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती है. वहीं, नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी की बेसिक सैलरी+डीए का 10 फीसद हिस्सा कटता है. पुरानी पेंशन स्कीम की खास बात यह कै इसमें कर्मचारियों की सैलरी से कोई भी पैसा नहीं कटता है. इसके अलावा नई पेंशन में 6 महीने बाद मिलने वाले डीए का भी प्रावधान नहीं है. इसके अलावा ओल्ड पेंशन में पेमेंट सरकार की ट्रेजरी के जरिए किए जाता है. वहीं, नई पेंशन में निश्चित पेंशन की कोई भी गारंटी नहीं होती है.

दोनों की पेंशन राशि में है बड़ा अंतर

पुरानी पेंशन योजना की बात करें तो इसमें रिटायर्ड कर्मचारी की मृत्यु हो जाने के बाद भी उनके परिजनों को पेंशन मिलती है. उदाहरण के तौर पर आपको बताते हैं कि अगर अभी किसी कर्मचारी को 80,000 रुपये सैलरी मिल रही है तो रिटायर होने के बाद में पुरानी पेंशन योजना के हिसाब से उसे करीब 35 से 40 हजार रुपये तक पेंशन मिलेगी. इसके अलावा नई पेंशन में इसी कर्मचारी को करीब 800 से 1000 रुपये पेंशन मिलेगी.

पुरानी पेंशन योजना और नई पेंशन योजना

इन दिनों पुरानी पेंशन योजना काफी सुर्खियों में हैं. पुरानी पेंशन योजना और नई पेंशन योजना दोनों एक दूसरे से अलग हैं. एनपीएस एक निवेश आधारित पेंशन योजना है, जो पुरानी पेंशन योजना के विपरीत है. पुरानी पेंशन योजना एक पेंशन उन्मुख योजना है और रिटर्न बढ़ाने के लिए बाजार में कुछ पैसे का इंवेस्टमेंट करती है. ओपीएस के बारे में बात की जाए तो पुरानी पेंशन योजना कर्मचारियों को उनके Last Drawn Basic Pay का 50% और सेवानिवृत्ति पर महंगाई भत्ता या सेवा के पिछले दस महीनों में उनका औसत वेतन, जो भी उनके लिए अधिक लाभप्रद हो, प्राप्त होता है. इसके लिए कर्मचारी के लिए दस साल की सेवा अनिवार्य है.