व्यापार: देश के आठ प्रमुख शहरों में जुलाई-सितंबर तिमाही में मकानों की बिक्री मामूली बढ़कर 96,827 इकाई के स्तर पर पहुंच गई। हालांकि, दिल्ली-एनसीआर में बिक्री 14 फीसदी घटी है। एक साल पहले की समान अवधि में आठ शहरों में 96,544 मकान बिके थे। जुलाई-सितंबर तिमाही में नई आवासीय परियोजनाओं की पेशकश एक साल पहले के 91,863 से बढ़कर 94,419 इकाई पहुंच गई।
रियल एस्टेट पोर्टल हाउसिंग डॉटकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, बंगलूरू में मकानों की बिक्री 23 फीसदी बढ़कर 13,688 इकाई पहुंच गई। चेन्नई में यह 51 फीसदी की वृद्धि के साथ 5,389 इकाई रही। कोलकाता में 43 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 4,007 मकान बिके, जबकि हैदराबाद में 5 फीसदी बढ़कर 12,138 इकाई पहुंच गई। हालांकि, दिल्ली-एनसीआर के बाजार में मकानों की बिक्री एक साल पहले के मुकाबले 14 फीसदी घटकर 8,668 इकाई रह गई। मुंबई में चार फीसदी गिरावट के साथ 28,690 मकान बिके। अहमदाबाद और पुणे में मकानों की बिक्री 11-11 फीसदी घटकर क्रमशः 8,297 और 15,950 इकाई रह गई।
बढ़ती कीमतों ने किफायती मकानों की मांग पर डाला असर
हाउसिंग डॉटकॉम का स्वामित्व रखने वाली कंपनी आरईए इंडिया के सीईओ प्रवीण शर्मा ने कहा, पिछले पांच वर्षों में लगातार बढ़ती कीमतों ने किफायती आवासीय श्रेणी में आने वाली मांग पर खासा असर डाला है। प्रीमियम एवं उच्च श्रेणी के आवासीय मांग और आपूर्ति मजबूत है, लेकिन किफायती आवासीय श्रेणी में आपूर्ति सीमित है। डेवलपर को इस श्रेणी में आपूर्ति बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
जुलाई-सितंबर में 19 फीसदी तक बढ़े घरों के दाम
मजबूत मांग के दम पर शीर्ष आठ आवासीय बाजारों में मकानों की कीमतों में जुलाई-सितंबर तिमाही में सात से 19 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। दिल्ली-एनसीआर में कीमतें सबसे अधिक 19 फीसदी बढ़ी हैं। इसकी प्रमुख वजह बेहतर बुनियादी ढांचों में सुधार के कारण लग्जरी संपत्तियों की मांग है।
रियल एस्टेट सलाहकार कंपनी प्रॉपटाइगर की रिपोर्ट के मुताबिक, बंगलूरू और हैदराबाद में कीमतें क्रमशः 15 फीसदी एवं 13 फीसदी बढ़ी हैं। अहमदाबाद में कीमतें 7.9 फीसदी, चेन्नई में 9 फीसदी और कोलकाता में 8 फीसदी बढ़ी हैं। मुंबई महानगर क्षेत्र और पुणे में दाम क्रमश: 7 फीसदी एवं 9 फीसदी बढ़े हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सालाना 15 फीसदी और तिमाही 12.6 फीसदी की उल्लेखनीय वृद्धि बंगलूरू के मजबूत बाजार बुनियादी ढांचे और मकान खरीदारों के बढ़ते आत्मविश्वास को दर्शाती है। वहीं, दिल्ली-एनसीआर की लगातार बढ़ती वृद्धि अल्पकालिक तेजी के बजाय बाजार के मजबूत होते बुनियादी ढांचे को स्पष्ट दर्शाती है।









