गुरुवार को केंद्र सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल की कीमत पर लगाए गए अप्रत्याशित लाभ कर (windfall profit tax) को कम कर दिया है। इससे कच्चे तेल की कीमत कम होने की उम्मीद की जा सकती है। साथ ही, डीजल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल के कर लाभ को भी घटाया गया है। इए साथ ही टैक्स की नई दरें 16 फरवरी से लागू हो गई हैं।
तेल पर लेवी हुई कम
केंद्र सरकार द्वारा जारी आदेश पर कहा गया है कि तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम जैसी कंपनियों द्वारा उत्पादित कच्चे तेल पर लेवी को 5,050 रुपये प्रति टन से घटाकर 4,350 रुपये प्रति टन कर दिया गया है। इसके अलावा, डीजल के निर्यात पर लगाए गए लेवी को 7.5 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 2.50 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है।
एविएशन टर्बाइन फ्यूल के शिपमेंट पर कर को 6 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 1.50 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। हालांकि, पेट्रोल पर लगाए जाने वाले एडिशनल एक्साइज ड्यूटी को अब भी शून्य रखा गया है। बता दें कि लेवी की दरों को बढ़ाने या घटाने के लिए हर तरह से समीक्षा की जाती है और अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों के आधार पर दरों को मॉडरेट किया जाता है।
जानकारी के लिए बता दें कि कच्चे तेलों या डीजल पर लगाए जाने वाले एडिशनल एक्साइज ड्यूटी निर्यात करने पर उत्पादकों पर लगाई जाती है। इस कारण टैक्स में छूट का असर आम जनता कर जेब पर नहीं होता।
कब लगाया जाता है लेवी
सरकार द्वारा लेवी एक तय सीमा के पार जाने के बाद लगाया जात है। आमतौर पर तेल उत्पादकों द्वारा 75 डॉलर प्रति बैरल की सीमा से ऊपर प्राप्त होने वाली किसी भी कीमत पर अप्रत्याशित लाभ पर कर या लेवी लगती है। ईंधन निर्यात पर लेवी मार्जिन पर आधारित होती है और ये मार्जिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमत और लागत के बीच का अंतर होता है।
साल 2022 में शुरू किया गया था अप्रत्याशित लाभ कर
भारत ने पहली बार 1 जुलाई, 2022 को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया गया था। उस समय पेट्रोल और एटीएफ पर 6 रुपये प्रति लीटर (12 डॉलर प्रति बैरल) की दर से इसे लगाया गया था, जबकि डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर (26 डॉलर प्रति बैरल) का शुल्क था।