Union Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को इस बात का संकेत दिया कि उनका आगामी बजट कैसा होगा। उन्होंने कहा कि आने वाला बजट सार्वजनिक व्यय के दम पर विकास को गति देना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि यह पहले के बजट की अहम बातों का पालन करेगा। सीतारमण, अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए 1 फरवरी को अपना लगातार पांचवां बजट पेश करने वाली हैं।नए वित्तीय वर्ष के लिए बजट पेश होने में 60 दिन से भी कम का समय बचा है। 1 फरवरी 2023 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में देश का आम बजट पेश करेंगी। हर बार की तरह इस बार के बजट से भी सबसे ज्यादा उम्मीद किसान और नौकरीपेशा को है। महंगाई के रिकॉर्ड स्तर के बीच वित्त मंत्री के सामने इस बार के बजट को लेकर कई चुनौतियां हैं। हालांकि महंगाई को लेकर नवंबर के आंकड़े थोड़े राहत देने वाले हैं। नौकरीपेशा की तरफ से लंबे समय से टैक्स स्लैब में राहत देने के साथ और भी कई मांगें की जा रही हैं। आइए जानते हैं इस बार सैलरीड क्लॉस की बजट से उम्मीदों के बारे में। उम्मीद की जा रही है कि इस बार वित्त मंत्री सैलरीड क्लॉस को निराश नहीं करेंगी।
वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण को COVID-19 महामारी से पैदा होने वाली चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। वित्त मंत्री ने बड़े पैमाने पर सार्वजनिक व्यय के कार्यक्रम चलाए थे। वित्त मंत्री ने मांग को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पूंजीगत व्यय को 35.4 प्रतिशत बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया था, जबकि पिछले साल कैपेक्स 5.5 लाख करोड़ रुपये था।

देश को आगे ले जाने वाला बजट
वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले अनुभव बहुत प्रेरणादायक और प्रेरक हैं। खासकर ऐसे समय में, जब हम देश के लिए अगला बजट तैयार कर रहे हैं। ऐसा बजट, जो पिछले बजटों की भावना का पालन करेगा। उन्होंने कहा कि इस बार भी हम वह खाका सेट करने जा रहे हैं, जो पहले सेट किया गया था। उन्होंने इस बजट को भारत के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि क्यों न हम देश को अगले 25 वर्ष आगे ले जाएं।
कई मोर्चे पर हैं चुनौतियां
विपरीत वैश्विक परिस्थितियों और बढ़ती मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिए विश्व स्तर पर बढ़ती ब्याज दरों के कारण हाल के महीनों में जीडीपी की वृद्धि धीमी हो गई है। विकास दर को पटरी पर लाने के लिए सरकार कई मोर्चे पर काम करने की कोशिश कर रही है। आरबीआई ने 2022-23 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 2023-24 की अप्रैल-जून अवधि के लिए 7.1 प्रतिशत और अगली तिमाही के लिए 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
अगले वर्ष के बजट में मुद्रास्फीति के ऊंचे स्तर, मांग में वृद्धि, रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को निरंतर 8 प्रतिशत से अधिक रखने जैसे मुमहत्वपूर्ण मुद्दों से निपटना होगा। यह मोदी 2.0 सरकार और सीतारमण का पांचवां बजट होगा और अप्रैल-मई 2024 में होने वाले आम चुनाव से पहले आखिरी पूर्ण बजट होगा।
इनकम टैक्स में राहत की उम्मीद
सैलरीड क्लॉस की पहली और सबसे बड़ी डिमांड टैक्स छूट को लेकर होती है। करोड़ों नौकरीपेशा की तरफ से लंबे समय से ढाई लाख रुपये की बेसिक छूट का दायरा बढ़ाने की मांग की जा रही है। एक्सपर्ट ने पिछली बार भी बेसिक छूट का दायरा बढ़ाने की उम्मीद जताई थी। लेकिन इस बार यह पूरी उम्मीद है कि वित्त मंत्री नौकरीपेशा के हक में ऐलान करेंगी। फाइनेंस मिनिस्टर बेसिक छूट को ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपये तक कर सकती हैं।
टैक्स स्लैब में बदलाव की मांग
इस बार बजट से नौकरीपेशा के लिए उम्मीद के बारे में पूछने पर डेलॉयट की पार्टनर तापती घोष कहती हैं कि सैलरीड क्लॉस टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद कर रहा है । 20 लाख से ज्यादा की इनकम पर 25 प्रतिशत टैक्स की मांग की जा रही है। इसी तरह 10 से 20 लाख की इनकम पर टैक्स 20 प्रतिशत किये जाने की मांग है। मौजूदा टैक्स स्लैब में 2.5 लाख रुपये तक टैक्स नहीं लगता। 2.5 से 5 लाख तक 5 प्रतिशत, 5 से 7.5 लाख तक 20 प्रतिशत टैक्स। इसी तरह 7.5 लाख से 10 लाख तक 20 प्रतिशत टैक्स है।
80C की लिमिट में बदलाव की मांग
इस बार के बजट में वित्त मंत्री की तरफ से सेक्शन 80C के तहत निवेश की सीमा को भी बढ़ाया जा सकता है। फिलहाल यह लिमिट डेढ़ लाख रुपये है। 1 फरवरी 2023 को बजट पेश होने के दौरान इसे बढ़ाकर दो लाख रुपये तक किया जा सकता है।