व्यापार : निवेश की दुनिया में रिटर्न या परिणाम अपेक्षाओं के अनुरूप न होने की भावना अक्सर निराशा के रूप में प्रकट होती है। यही निराशा निवेशकों को बाजार का समय जानने की कोशिश करने के लिए प्रेरित करती है। बाजार का समय तय करने की प्रक्रिया में किसी प्रतिभूति की कीमत में संभावित वृद्धि या गिरावट का अनुमान लगाना और उसके अनुसार प्रतिभूति खरीदना या बेचना शामिल है। सोशल मीडिया पर यही विषय इस समय चर्चा में है। हाल में पिरामल फाइनेंस के प्रबंध निदेशक जयराम श्रीधरन ने एक पोस्ट में बताया, कैसे बाजार का समय तय करने से बेहतर फायदा हो सकता है। कैसे कभी-कभी अधिक समय तक बने रहना बाजार का समय तय करने की कोशिश का बेहतर तरीका हो सकता है। कैसे उनका 10,100 रुपये का निवेश 25 वर्षों में 7.9 लाख रुपये में बदल गया।
सालाना 19 फीसदी से ज्यादा मिला लाभ
श्रीधरन ने पोस्ट में बताया कि 1998 में नौकरी ज्वाइन करने के तुरंत बाद उन्होंने निवेश का सफर शुरू करने का फैसला किया। उन्होंने पहले निवेश के तहत 1999 में 10,100 रुपये में ईएलएसएस यूनिट्स खरीदी थीं। 25 वर्षों में इस निवेश की कीमत बढ़कर 7,90,457 रुपये हो गई है।
- श्रीधरन ने आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल की ईएलएसएस टैक्स सेवर ग्रोथ स्कीम की यूनिट्स खरीदी थी। यह निवेश 19.05 फीसदी की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ा है। यानी 7,726 फीसदी फायदा।
- इसी अवधि में सेंसेक्स ने 12.15 फीसदी और निफ्टी-50 इंडेक्स ने 12.48 फीसदी सीएजीआर की दर से रिटर्न दिया है। निफ्टी-50 और सेंसेक्स ने 2,500 फीसदी तक का फायदा दिया है।
बेहतर रिटर्न के लिए लंबे समय तक निवेश जरूरी
उभरते बाजारों में आमतौर पर तेज वृद्धि देखी जाती है। पिछले 25 वर्षों में प्रमुख सूचकांकों में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। हालांकि, श्रीधरन के निवेश को देखकर हम समझ सकते हैं कि इस वृद्धि का अधिकतम लाभ उठाने के लिए बाजार में निवेशित बने रहना जरूरी है। ईएलएसएस में सबसे बड़ा फायदा कि इससे टैक्स बचाने में भी मदद मिलती है। इसमें निवेश कर सालाना आप 1.5 लाख तक की छूट प्राप्त कर सकते हैं।
- ईएलएसएस शेयर बाजार में निवेश करता है। इसका मतलब है कि यहां रिटर्न की संभावना अधिक होती है। हालांकि इसमें जोखिम भी होता है, लेकिन यदि आप लंबी अवधि तक निवेश करते हैं, तो यह आपको बेहतर रिटर्न दे सकता है।