Friday, February 7, 2025
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16.5 लाख तक की सैलरी पर ZERO टैक्स, आखिर क्या है इसके पीछे की कहानी, जाने पूरा कैलकुलेशन

हाल ही में बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स जीरो कर मध्यम वर्ग को बड़ा तोहफा दिया है। इसके तहत अगर आपकी टैक्सेबल इनकम 16.5 लाख रुपये तक है तो आपकी टैक्स देनदारी जीरो हो जाएगी। हालांकि, अगर आप हर निवेश और रीइम्बर्समेंट का अधिकतम सीमा तक इस्तेमाल करते हैं तो संभव है कि आपको 16.5 लाख रुपये तक की सैलरी पर टैक्स छूट मिल सकती है। आइए समझते हैं यह कैसे काम करता है।

साल की शुरुआत में अक्सर सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव का विकल्प होता है। आप खुद तय कर सकते हैं कि आपको रीइम्बर्समेंट में कितना पैसा चाहिए और टैक्सेबल सैलरी के तौर पर कितना पैसा। रीइम्बर्समेंट में कन्वेयंस, एलटीए, फूड-कूपन या एंटरटेनमेंट, इंटरनेट या फोन बिल और पेट्रोल जैसे विकल्प शामिल हैं। टैक्स बचाने में एचआरए अहम भूमिका निभाता है। आइए जानते हैं कि इन सबकी मदद से आप कैसे अपना टैक्स बचा सकते हैं।

लीव ट्रैवल अलाउंस से अपने ट्रैवल खर्च को कम करें

आप 4 साल में दो बार इसका लाभ उठा सकते हैं। इसके तहत आप कहीं घूमने जा सकते हैं और वहां जाने और वापस आने के किराए पर लीव ट्रैवल अलाउंस का लाभ उठा सकते हैं। आमतौर पर कंपनियां बेसिक सैलरी का करीब 10 फीसदी लीव ट्रैवल अलाउंस के तौर पर देती हैं। आम तौर पर कुल CTC का 50 फीसदी बेसिक सैलरी होती है। अगर आपकी कुल सैलरी 16.5 लाख रुपये है तो 8.25 लाख रुपये आपकी बेसिक सैलरी होगी और ऐसे में आपको करीब 82,500 रुपये लीव ट्रैवल अलाउंस मिलेगा।

अगर सालाना आधार पर औसत निकालें तो करीब 41,250 रुपये पर आपको टैक्स छूट मिलेगी। अगर आपकी सैलरी में लीव ट्रैवल अलाउंस शामिल नहीं है तो उसे शामिल करवा लें, ताकि आप इसका फायदा उठा सकें। ध्यान रहे, अगर आप 30 फीसदी स्लैब में आते हैं तो LTA की मदद से आप काफी पैसे बचा सकते हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि LTA की मदद से आपकी ट्रैवल टिकट 30 फीसदी सस्ती हो जाएंगी।

रिम्बर्समेंट जरूर लें

कई कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को रिम्बर्समेंट के तौर पर कई चीजें दी जाती हैं। आइए एक-एक करके सभी के बारे में जानते हैं और समझते हैं कि आप कितने पैसे बचा सकते हैं।

कन्वेयंस रिम्बर्समेंट: इसके तहत आमतौर पर कंपनी से आपको 1-1.5 लाख रुपये तक का रिम्बर्समेंट मिल सकता है। मान लीजिए कि आपकी कंपनी आपको 1.5 लाख रुपये का कन्वेयंस रिम्बर्समेंट देती है, तो इतना पैसा आपके लिए नॉन-टैक्सेबल हो जाएगा।

इंटरनेट बिल: आज के समय में लगभग हर बिजनेस को इंटरनेट ब्रॉडबैंड की जरूरत होती है। आपको 700-1000 रुपये महीने में अच्छी स्पीड वाला इंटरनेट ब्रॉडबैंड मिल सकता है। ऐसे में कंपनी भी लगभग इतनी ही रकम रिम्बर्समेंट में देती है। अगर आपकी सैलरी में यह कंपोनेंट नहीं है, तो इसे सैलरी में शामिल करें और टैक्स छूट पाएं। मान लीजिए कि इसके तहत आप 1000 रुपये महीने यानी 12000 रुपये सालाना तक को नॉन-टैक्सेबल बना सकते हैं।

भोजन या मनोरंजन प्रतिपूर्ति: पहले यह प्रतिपूर्ति भोजन कूपन के रूप में दी जाती थी, जिसे अब आप अपने भोजन का बिल दिखाकर बदले में प्राप्त कर सकते हैं। इसके तहत कंपनी आमतौर पर लगभग 2000 रुपये प्रति माह यानी सालाना 24 हजार रुपये आसानी से दे देती है।

यूनिफॉर्म, ईंधन, किताबें और अन्य: अलग-अलग कंपनियां यूनिफॉर्म, ईंधन, किताबें, मैगजीन, पेपर आदि के नाम पर भी कुछ प्रतिपूर्ति देती हैं। अपनी कंपनी के एचआर से एक बार बात करें और पूछें कि क्या ये सुविधाएं वहां उपलब्ध हैं। अगर आपको ये प्रतिपूर्ति मिलती है, तो आप कुछ और पैसों पर टैक्स बचा पाएंगे। आम तौर पर इन सभी को मिलाकर आपको 3-4000 रुपये तक की प्रतिपूर्ति मिल सकती है। मान लें कि आपको 3000 रुपये प्रति माह की प्रतिपूर्ति मिलती है, तो भी आपको सालाना 36,000 रुपये पर टैक्स न देने का लाभ मिलेगा।

कटौतियों का भी लाभ उठाएं

नई कर प्रणाली में आपको आयकर अधिनियम के तहत कुछ कटौती भी मिलती है। आइए जानते हैं इनके बारे में।

1- सबसे पहले तो हर नौकरीपेशा व्यक्ति को 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है। यानी आपकी सैलरी चाहे जितनी भी हो, बस बिना आंख बंद किए उसमें से 75,000 रुपये घटा दीजिए।

2- नियोक्ता के जरिए NPS में अंशदान लेकर आप 80CCD(2) के तहत टैक्स छूट पा सकते हैं। नई टैक्स व्यवस्था में निजी और सरकारी कंपनियों के कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का 14 फीसदी तक NPS में निवेश कर सकते हैं। इस तरह अगर आपकी बेसिक सैलरी 8.25 लाख रुपये है तो आप इसके 14 फीसदी यानी 1,15,500 रुपये तक पर टैक्स छूट पा सकते हैं।

अब कैलकुलेशन समझिए

इस कैलकुलेशन के कुल 3 भाग हैं। पहला है रीइम्बर्समेंट। अगर आप ऊपर बताए गए सभी रीइम्बर्समेंट को जोड़ दें तो आपको कुल 2.22 लाख रुपये रीइम्बर्समेंट मिल सकता है। दूसरा भाग है डिडक्शन, जिसके तहत आपको कुल 1,90,500 रुपये डिडक्शन मिलेगा। इसके अलावा तीसरा हिस्सा लीव ट्रैवल अलाउंस है, जिसका लाभ आप 4 साल में सिर्फ दो बार ही उठा सकते हैं। तो अगर सालाना आधार पर औसत निकालें तो आपको करीब 41,250 रुपये पर टैक्स छूट मिलेगी। यानी आपकी सैलरी में से कुल 4,53,750 रुपये पर सीधे तौर पर टैक्स नहीं लगेगा।

आपकी सालाना सैलरी 16.5 लाख रुपये थी, जिसमें से 4,53,750 रुपये पर टैक्स नहीं लगेगा। इस तरह आपकी टैक्सेबल सैलरी में 11,96,250 रुपये की बचत हुई। नई टैक्स व्यवस्था में 12 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम पर टैक्स जीरो है

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