मां जानकी की जन्मस्थली बिहार के सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में विवाह पंचमी को लेकर लोगों में उत्साह है. पूरे मिथिला क्षेत्र में विवाह पंचमी विशेष तौर पर मनाया जाता है. माता सीता की जन्मस्थली पुनौरा धाम में श्री सीताराम विवाह महोत्सव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. बता दें कि मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को प्रभु श्रीराम और माता जानकी का विवाह हुआ था इसलिए इस तिथि को विवाह पंचमी के नाम से जाना जाता है. विवाह पंचमी के उपलक्ष्मी में जानकी मंदिर में सजावट की गई हैं और पंचमी तिथि को इस मंदिर सभी रस्मों को पूरा किया जाएगा. साथ ही हवन-पूजा और भंडारे का भी आयोजन किया जाएगा. पुनौरा धाम के जानकी मंदिर के बारे में…
विवाह पंचमी पर होंगे ये कार्यक्रम
स्थानीय लोगों के अलावा प्रदेश और नेपाल के लोग भी इस उत्सव में भाग लेने के लिए पुनौरा धाम पहुंच रहे हैं. इस मौके पर पूरे जानकी मंदिर परिसर को आकर्षक ढंग से सजाया गया है. पुनौरा धाम जानकी जन्मभूमि मंदिर के महंत कौशल किशोर दास ने बताया कि सोमवार को पारंपरिक पूजा-मटकोर और मंगलवार को दिव्य विवाहोत्सव का आयोजन किया जाएगा. बताया गया कि विवाह के सभी रस्मों को निभाने की तैयारी पूरी हो चुकी है. सोमवार शाम को पूजा-मटकोर का आयोजन होगा, जिसमें महिला मंडलियों द्वारा विधि-विधान से मिथिला परंपरा के अनुसार विधियों को पूरा किया जाएगा. वहीं, रात में हल्दी कार्यक्रम आयोजित है. इस दौरान पारंपरिक वैवाहिक गीत, शगुन, हल्दी रस्म और भजन कीर्तन होगा.
विवाह पंचमी का महत्व
मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को भगवान श्री राम और माता सीता के दिव्य विवाह स्मृति के अवसर पर यहां भव्य आयोजन किया जाता है. पावन तिथि पर महिलाएं विवाह पंचमी का व्रत-उपवास रखकर पूजा-अर्चना करती हैं. मान्यता है कि इस दिन जो भी अविवाहित युवती उपवास व्रत रखकर श्री राम-जानकी की भावपूर्वक पूजा-आराधना करती हैं, उन्हें मन योग्य पति की प्राप्ति होती है. वहीं, सुहागन स्त्रियों के दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है.
पूरे मंदिर को सजाया गया
मंगलवार की रात में विवाहोत्सव का आयोजन किया जाएगा. बुधवार को नगर के मां जानकी की प्राकट्य स्थली रजत द्वार जानकी मंदिर के महंत विनोद दास के संयोजन में निशान शोभा यात्रा निकाली जाएगी. रात में जानकी माता की महाआरती होगी. विवाह पंचमी पर मंदिर प्रांगण, सीता कुंड, सीता प्रेक्षागृह और सभी भवनों पर विशेष लाइटिंग की व्यवस्था की जा रही है. वहीं पूरे मंदिर को दीपों से सजाया जाएगा.









