Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में अपने कई अनुभावों और प्राप्त ज्ञान को गहराई से समझाया है। चाणक्य नीति में उन्होंने जीवन के सभी पहलुओं जैसे माता-पिता, दोस्त, गृहस्थ जीवन, व्यापार, शिक्षा और धन आदि से जुड़ी कई बातें बताई हैं। इसके साथ ही चाणक्य नीति हमें जीवन के पथ पर समझदारी के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। ऐसे में चाणक्य नीति के अनुसार कुछ ऐसी प्रवृत्ति के लोग होते हैं जो जानवरों से भी ज्यादा खतरनाक होते हैं और जिनसे दूर रहने में ही आपकी भलाई है।
बहुत अधिक तारीफ करने वाले लोग
बहुत अधिक तारीफ करने वाले लोग अपने लाभ के लिए अक्सर झूठी तारीफ करके अपना काम निकलवाने में लगे रहते हैं।ऐसे लोग आपके गुणों से नहीं, बल्कि आपकी पद और प्रतिष्ठा से जुड़े होते हैं। इसलिए ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रहें।ऐसे लोग आपकी मुंह पर ज्यादा तारीफ करते हैं। ये लोग आपकी बढ़ाई और चापलूसी करके अपना फायदा निकालते हैं। वहीं पीठ पीछे आपकी बुराई करते हैं। इसलिए,चिकनी-चुपड़ी बातें करने वाले लोग आपके शुभचिंतक नहीं हो सकते।
गुस्सा करने वाले लोग
गुस्सेल स्वभाव वाले व्यक्ति से हमेशा दूर रहना चाहिए। गुस्सा इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। गुस्से में व्यक्ति की सोचने और समझने की शक्ति हीन हो जाती है। गुस्से में आकर व्यक्ति अपने साथ-साथ दूसरों का भी नुकसान कर देता है। गुस्से में इंसान की सही-गलत की समझ कम हो जाती है और वो केवल अपनी खुशी के बारे में ही सोचता है।ऐसे लोग दुश्मनों से भी ज्यादा खतरनाक साबित होते हैं।गुस्सा लोगों को अंदर से खोखला कर देता है। गुस्से में लोग ये भूल जाते हैं कि वे जो काम कर रहे हैं। वो सही है या गलत।आपको गुस्सा करने वाले लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए क्योंकि ये लोग अपने गुस्से में आपको भी नुकसान पहुंचा सकते हैं और आपके लिए मुसीबत खड़ी (angry people) कर सकते हैं।
स्वार्थी और मतलबी इंसान से दूर रहें
स्वार्थी लोग कभी किसी का भला नहीं चाह सकते। वे सिर्फ हर बात और काम में अपना फायदे देखते हैं। इसलिए, आपको इन लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। स्वार्थी लोग सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं और अपनी भलाई के लिए आपको भी जोखिम में डाल सकते हैं। स्वार्थी लोगों से आपको धोखे के अलावा कभी कुछ नहीं मिल (selfish people) सकता।व्यावहारिक जीवन के बारे में कई ज़रूरी बातें बताई हैं, जिनकी प्रांसगिकता आज भी बनी हुई है। अगर इन बातों पर गौर किया जाए, तो व्यक्ति कई तरह की परेशानियों से बचा रह सकता है। किसी भी तरह के संबंध बनाते समय व्यक्ति को बहुत ही ज्यादा सावधान रहने की ज़रूरत होती है, क्योंकि जीवन में गलत व्यक्ति का चुनाव करना आपकी पूरी जिंदगी को प्रभावित कर सकता है।कुछ ऐसी प्रवृत्ति के लोग होते हैं जो जानवरों से भी ज्यादा खतरनाक होते हैं और जिनसे दूर रहने नहीं आपकी भलाई है।
छल-कपट करने वाले लोग
जो लोग आपके सामने आपकी भलाई की बाते करते हैं लेकिन पीठ पीछे वहीं इंसान आपकी बुराई करते हैं तो ऐसे लोगों से आपको दूर ही रहना चाहिए क्योंकि ऐसे लोग आपको कभी भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।हर बात पर और अक्सर झूठ बोलने वाले लोगों से आपको दूरी बनाकर रखनी चाहिए क्योंकि ऐसे लोग आपको कभी भी किसी बड़ी मुसीबत में डाल सकते हैं।
हमारे आसपास कुछ ऐसे लोग होते हैं जो सांप और बिच्छू ही नहीं दुश्मन से भी ज्यादा खतरनाक होते हैं। लिहाजा हममें ऐसे लोगों की पहचान करने की क्षमता होनी चाहिए और उनसे दूरी बनाकर रखना चाहिए। साथ ही ऐसे लोगों से जीवन में कभी भी मदद नहीं लेनी चाहिए। आचार्य चाणक्य ने इस सिलसिले में एक श्लोक भी लिखा है।
नैव पश्यति जन्मान्धः कामान्धो नैव पश्यति ।
मदोन्मत्ता न पश्यन्ति अर्थी दोषं न पश्यति ।।
उपरोक्त श्लोक के भावार्थ के मुताबिक- जिस तरह जन्म से अंधा व्यक्ति कुछ भी नहीं देख सकता, ठीक उसी तरह काम, क्रोध और नशे में चूर व्यक्ति को इसके सिवा और कुछ नहीं दिखता। वहीं स्वार्थी व्यक्ति भी किसी में कोई दोष नहीं देखता है। उसके लिए सभी एक समान है। इसलिए जो व्यक्ति स्वार्थ में लिप्त है उससे कभी भी ना दोस्ती करनी चाहिए और न ही रखनी चाहिए।
दुष्ट और लालची व्यक्ति से रहें दूर
आचार्य चाणक्य के नीति शास्त्र में कहा गया है कि अपनी भलाई के लिए मनुष्य को हमेशा लालची और जलनखोर इंसान से दूरी रहना चाहिए। ऐसे लोगों से मुश्किल से मुश्किल वक्त में भी भूलकर मदद नहीं मांगनी चाहिए। क्योंकि ऐसे लोग लालच और जलन के चक्कर में आपकी मदद कम नुकसान ज्यादा पहुंचाते हैं। दरअसल जलन स्वभाव के लोगों में सही-गलत की समझ नहीं होती। वो कभी भी दूसरों की भलाई और तरक्की से बिल्कुल खुश नहीं होते। दुष्ट और लालची स्वभाव के लोग दूसरों की उन्नति देखकर जलते हैं और नुकसान पहुंचाने की ही कोशिश करते हैं।