Dev Diwali 2023: पंचांग के अनुसार आज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। इस तिथि पर देव दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। साथ ही आज रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। देव दीपावली दिवाली के 15 दिन बाद आती है। कार्तिक पूर्णिमा तिथि के प्रदोष काल में देव दीपावली मनाई जाती है। मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लेकर पृथ्वी को प्रलय से बचाया था और इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध भी किया था। इस खुशी में देवताओं ने इस दिन दीपावली मनाई थी। हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस दिन सभी देवी-देवता धरती पर विचरण करने के लिए आते हैं।
देव दिवाली इस बार 26 नवंबर दिन रविवार को मनाई जा रही है। इस दिन पूरे विधि-विधान से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। माना जाता है कि इस दिन किए गए कुछ उपाय से विशेष लाभ मिलता है। आइए उन्नाव के ज्योतिषाचार्य पं. मिश्र से जानते हैं कि देव दिवाली के दिन क्या उपाय करने चाहिए?
पूजा का शुभ मुहूर्त
इस साल कार्तिक पूर्णिमा तिथि 26 नवंबर रविवार को दोपहर 3 बजकर 53 मिनट से अगले दिन 27 नवंबर सोमवार को दोपहर 2 बजकर 45 मिनट तक है। देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा तिथि में प्रदोष व्यापिनी मुहूर्त में मनाई जाती है, इसलिए इस साल देव दीपावली 26 नवंबर रविवार को मनाई जाएगी, जबकि कार्तिक पूर्णिमा का व्रत और स्नान-दान 27 नवंबर सोमवार को होगा। इस बार देव दीपावली पर दीप जलाने का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 8 मिनट से शाम 7 बजकर 47 मिनट तक है। उस दिन आपको दीप जलाने के लिए 2 घंटे 39 मिनट का शुभ समय मिलेगा। 27 नवंबर को वाराणसी में सूर्यास्त शाम 5:08 बजे होगा। उस समय से प्रदोष काल प्रारंभ हो जाएगा। इस साल देव दीपावली पर 3 शुभ योग बन रहे हैं। उस दिन रवि योग, परिघ योग और शिव योग बन रहे है। देव दीपावली को प्रात: 6 बजकर 52 मिनट से रवि योग प्रारंभ होगा, जो दोपहर 2 बजकर 05 मिनट तक रहेगा। वहीं परिघ योग प्रात:काल से लेकर देर रात 12 बजकर 37 मिनट तक है, उसके बाद से शिव योग शुरू होगा। जो कार्तिक पूर्णिमा को रात तक रहेगा।
उपाय
दीया जलाएं: हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देव दीपावली के दिन आटे का दिया जलाना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन आटे का दीया बनाकर उसमें घी और 7 लौंग डालकर दीया जलाएं। मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से घर की दरिद्रता दूर होती है।
करें दीपदान: हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देव दीपावली के दिन दीप दान करने का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन दीपदान करने से भगवान प्रसन्न होते हैं। मान्यता है कि देव दीपावली के दिन नदी के किनारे जाकर दीप दान करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन की परेशानियां समाप्त होती हैं।
तुलसी पूजा करें: हिंदू मान्यताओं के अनुसार देव दिवाली के दिन तुलसी के पौधे की पूजा करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि तुलसी विष्णु भगवान को प्रिय है और तुलसी को माता लक्ष्मी का ही एक रूप माना गया है। इसलिए तुलसी की पूजा करने से घर में पैसों की कमी नहीं होती।साथ ही व्यापार और नौकरी में भी तरक्की प्राप्त होती है।
घर में लगाएं दीए: दीपावली की तरह देव दीपावली के दिन भी अपने घरों में दिए जलाने चाहिए। घर के दरवाजे पर तोरण लगाएं और घर में रंगोली बनाकर घर को सजाना बहुत शुभ होता है। साफ-सफाई और सजावट से माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद देती हैं और देव दीपावली के दिन घर की सजावट और साफ सफाई करने से पितरों की आत्मा को भी शांति प्राप्त होती है।
देव दीपावली का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, भगवान शिव ने असुरराज त्रिपुरासुर का वध करके देवों को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी। इस वजह से देवी और देवताओं ने शिव नगरी काशी में गंगा के तट पर स्नान किया, दीप जलाए और भगवान शिव की पूजा की। वह देवों की दीपावली थी, जो कार्तिक पूर्णिमा को प्रदोष काल में मनाई गई। तब से हर साल कार्तिक पूर्णिमा को काशी नगरी में गंगा के घाटों पर देव दीपावली मनाई जाती है। इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं। अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।