Sankashti Chaturthi 2023: आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है। माना जाता है कि आज के दिन गणपति की पूजा करने से हर तरह के विघ्नों से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गणेश जी की पूजा करने के साख कुछ उपाय करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। जानिए कुछ उपायों के बारे में। अश्विन माह की विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2 अक्टूबर 2023 को है। इस दिन कुछ खास उपाय राहु-केतु की पीड़ा से छुटकारा दिला सकते हैं।
जानें संकष्टी चतुर्थी के उपाय
शास्त्रों के अनुसार राहु-केतु की अशुभता को दूर करने के लिए गणपति जी की पूजा सबसे अचूक मानी गई है। गणेश जी को चढ़ाई जाने वाली दूर्वा का संबंध राहु से माना गया है। कहते हैं विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के दिन 21 जोड़े दूर्वा गणेश जी को अर्पित की जाए तो इससे राहु जनित दोष खत्म होता है। दरिद्रता दूर होती ।
संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश द्वादश स्तोत्र का पाठ करें
कुंडली में राहु-केतु की अशुभ हो तो मानसिक तनाव, आर्थिक नुकसान, परिवार में कलह बढ़ जाती है। व्यक्ति गलत राह पर निकल जाता है। ऐसे में विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश द्वादश स्तोत्र का पाठ करें। कहते हैं इससे राहु-केतु संतुष्ट होते हैं और परेशान नहीं करते।
हरे मूंग का दान करें
केतु दोष शांत करने के लिए अश्विन माह की विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी पर किसी जरूरतमंद को हरे मूंग का दान करें। किसी गणेश मंदिर में क्षमता अनुसार वस्तुओं का दान भी कर सकते हैं।
‘श्री गं गणपतये नमः’ का जाप करना शुरू करें
ये दोनों पाप ग्रह राहु-केतु करियर में बाधा डाल रहे हैं तो संकष्टी चतुर्थी से रोजाना ‘श्री गं गणपतये नमः’ का जाप करना शुरू करें। बहुत जल्द इसके शुभ परिणाम देखने को मिलेंगे। ये दोनों पाप ग्रह राहु-केतु करियर में बाधा डाल रहे हैं तो संकष्टी चतुर्थी से रोजाना ‘श्री गं गणपतये नमः’ का जाप करना शुरू करें। बहुत जल्द इसके शुभ परिणाम देखने को मिलेंगे।
अगर किसी कारण विवाह में देरी हो रही है या फिर कन्या या वर नहीं मिल पा रहा है, तो आज के दिन गणेश जी को गुड़ की 21 गोलियां और दूर्वा अर्पित करें। ऐसा करने से विवाह में आने वाली हर बाधा हट जाएगी।