सनातन धर्म और वास्तु शास्त्र में पूजा के दौरान धूपबत्ती जलाना शुभ माना जाता है जबकि अगरबत्ती नहीं । अगरबत्ती में बांस जलता है जो अशुभ है और स्वास्थ्य को हानि पहुंचाता है। धूपबत्ती ग्रह शांति और सकारात्मक ऊर्जा देती है। आइए जानें हर नियम ताकि पूजा का पूरा फल मिले।
हिंदू शास्त्रों में अगरबत्ती का कोई उल्लेख नहीं है और इसमें बांस जलता है, जो अंतिम संस्कार से जुड़ा है। बांस जलाने से पितृ दोष, वंश वृद्धि में रुकावट और दुर्भाग्य आता है। वैज्ञानिक रूप से बांस का धुआं सांस की बीमारी पैदा करता है। ऐसे में पूजा में अगरबत्ती ना जलाएं।
ज्योतिष में बांस जलाने से पितृ दोष उत्पन्न होता है और पूर्वजों की आत्मा अशांत रहती है। शव यात्रा व कपाल क्रिया में बांस का उपयोग होता है, इसलिए पूजा में इसे जलाना वर्जित है। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और संतान सुख प्रभावित होता है।
धूपबत्ती चंदन, लकड़ी छाल और जड़ी-बूटियों से बनती है, जो ग्रहों को शांत करती है। रोज धूप जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा, वास्तु दोष दूर होता है और देव कृपा मिलती है। धूप की सुगंध मन शांत करती है और पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है।
धूपबत्ती में उपयोगी सामग्री अलग-अलग ग्रहों से जुड़ी होती है। चंदन शुक्र ग्रह को, गूगल राहु ग्रह को और लोबान सूर्य को शांत करता है। धूप जलाने से कुंडली के दोष कम होते हैं और जीवन में स्थिरता आती है। शाम को धूप जरूर जलाएं।
धूपबत्ती का धुआं कीटाणुनाशक है और घर की हवा शुद्ध करता है, जबकि अगरबत्ती का धुआं हानिकारक है।









