उज्जैन। भगवान जगन्नाथ की यात्रा (Jagannath Rath Yatra) नगर भ्रमण पर 20 जून को उज्जैन से निकलेगी। यह यात्रा इस्कॉन मंदिर से हर साल निकाली जाती है। यात्रा से पहले भगवान की विशेष पोशाक तैयार की जाती है। भगवान जगन्नाथ के साथ ही बहन सुभद्रा और बलभद्र के लिए भी नई पोशाक बनाई गई हैं। सिल्क और हीरे-मोती से बनी पोशाक भगवान को अर्पित की जाएगी जिसकी कीमत ढाई लाख रुपए है।
भगवान रत्न जड़ित पोशाक धारण करेंगे
उज्जैन के देवास रोड पर स्थित इस्कॉन मंदिर से हर साल भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है। इस यात्रा से पहले भगवान के लिए खास पोशाक तैयार की जाती है। माना जाता है कि भगवान का स्वास्थ्य ठीक होने पर भगवान के लिए नए वस्त्र बनाए जाते हैं। इन वस्त्रों के लिए दिल्ली से सिल्क का कपड़ा और मोती से बनी पोशाक भगवान को अर्पित की जाएगी।
इस्कॉन पंडित ने बताया कि इस्कॉन मंदिर में भगवान बीमार हो गए हैं। मंदिर के भीतर एकांतवास में पुजारी उनका स्वास्थ्य जल्दी ठीक करने के लिए उपचार कर रहे हैं। 20 जून को भगवान स्वस्थ होंगे और रथ पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे। इसी दिन भगवान रत्न जड़ित पोशाक धारण करेंगे। इसे कोलकाता, वृंदावन और उज्जैन के कारीगर मिलकर बना रहे हैं, जिसकी कीमत ढाई लाख रुपए है। भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा बुधवारिया से निकाली जाएगी और पूरे शहर में भ्रमण करते हुए इस्कॉन मंदिर पर इसका समापन होगा।
दिल्ली से हीरे मंगवाए गए
बंगाल से आए कारीगर निर्मला दास ने बताया कि इसमें लगाने के लिए मुंबई और दिल्ली से हीरे मंगवाए गए हैं।तीनों रंगों सफेद, हरा और गुलाबी रंग का रेशमी कपड़ा मुंबई से मंगवाया गया है। मुंबई का धागा और दिल्ली से सिल्क का कपड़ा और बनारस से अन्य सामान मंगवा गया है। यह रत्न जड़ित पोशाक, आभूषण और मुकुट 18 जून तक बनकर तैयार हो जाएंगे। रथयात्रा के दिन भगवान जगन्नाथ के रथ को विशेष रूप से देकर भव्य रूप में सजाया जाएगा। इसके डेकोरेशन के लिए देश के साथ ही विदेशी किस्मो के फूल भी उपयोग में लिए जाएंगे। इस बार भगवान जगन्नाथ के रथ में घोड़े भी नजर आएंगे।