Lunar Eclipse 2023: भारत में इस साल का अंतिम चंद्र ग्रहण आज लगेगा। आज शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण रहेगा यह संपूर्ण भारत में नजर आएगा। सूतक ग्रहण से 9 घंटे पहले शाम 4 बजे से लग गया है। ऐसे में मंदिरों के कपाट बंद हो गए हैं। ग्रहण के मोक्ष के उपरांत पूजा की जाएगी। देश में रात करीब 1.44 बजे इसका प्रभाव सबसे अधिक होगा। जिसके बाद रात के करीब 2.23 बजे ग्रहण समाप्त हो जाएगा। खगोल वैज्ञानिक देवी प्रसाद दुआरी ने बताया कि इस चंद्रग्रहण का असर 29 अक्टूबर की सुबह तक जारी रहेगा। इस साल के आखिरी चंद्रगहण का भारत समेत कई देशों में असर रहेगा।
ग्रहण समाप्त होने के बाद जरूर करना चाहिए यह काम
ज्योतिषाचार्य मनोहर आचार्य के अनुसार, ग्रहण समाप्त होने के बाद, लोगों को पहले स्नान करना चाहिए, क्योंकि इसके साथ ही ग्रहण के दोष को दूर किया जा सकता है, जैसे कि वातावरण को शुद्ध करने से. इसके बाद, घर के सभी सदस्यों को गंगाजल से स्नान करना चाहिए, जिससे पूरे घर का दोष समाप्त हो सकता है. उन्होंने सुझाव दिया कि ग्रहण के बाद, आप अनाज या अन्य आवश्यक आपूर्ति वस्तुओं को डान करें, जिसमें अनाज, सब्जी, तेल, और अन्य आवश्यक प्रक्रियाओं के द्वारा तैयार वस्तुएँ शामिल हो सकती हैं. इस दान से आप ब्राह्मणों को सहायता प्रदान कर सकते हैं या किसी आवश्यकता मंद व्यक्ति को भी इसका लाभ पहुंचा सकते हैं. यह प्रक्रिया आपके और आपके परिवार के लिए ग्रहण के प्रभावों को दूर करने में मदद कर सकती है, और एक सकारात्मक अनुभव प्राप्त करने में मदद कर सकती है.
घर की मूर्तियों के लिए करें यह काम
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि ग्रहण का सूतक काल शुरू होते ही सभी मंदिरों को बंद कर दिया जाता है. ऐसे में, लोग अपने घर के पूजा स्थल और वहां लगाई गई मूर्तियों को हाथ भी ना लगाएं. ग्रहण काल समाप्त होने के बाद स्नान करने और गंगाजल के छिड़काव के बाद घर की सभी मूर्तियों को भी गंगाजल से स्नान करना चाहिए. इसके बाद, घर के मंदिर के दरवाजे खोल दें और मंदिर में धूप, अगरबत्ती, और घी का दीपक जलाकर भगवान का पूजन करने लगें. अगर ग्रहण मध्य रात्रि में लग रहा है, तो अगले दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पूजा करें.
2:23 बजे समाप्त होगा चंद्र ग्रहण
28 अक्टूबर की रात करीब 11:31 बजे उपछाया ग्रहण शुरू होगा, लेकिन आंशिक ग्रहण 28 अक्टूबर की रात लगभग 1:44 बजे लगेगा। उन्होंने कहा कि आंशिक चंद्र ग्रहण 2:23 बजे समाप्त हो जाएगा। बता दें कि साल का आखिरी चंद्रग्रहण भारत के कई हिस्सों में दिखेगा। चंद्रग्रहण भारतीय राजधानी नई दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, बेंगलुरु, कोलकाता, लखनऊ, कानपुर समेत कई शहरों में दिखेगा।
आचार्य सत्येन्द्र दास ने बताया कि चंद्र ग्रहण का सूतक सायं चार बजे से लग जाएगा। इसके कारण दूसरी पाली में अपराह्न दो बजे मंदिर का पट खोला जाएगा। उसके बाद साढ़े तीन बजे से आरती- पूजा व भोग लगाकर मंदिर पट बंद कर दिया जाएगा। पुनः रविवार को सुबह निर्धारित समयावधि मेंदर्शन नियमित रूप सेशुरू होगा। श्रीरामवल्लभा कुंज के अधिकारी राजकुमार दास महाराज नेबताया कि सूतक के कारण मंदिर के पट बंद हो जाएंगे तो फिर उत्सव कैसे संभव होगा। उन्होंने कहा कि पूर्णिमा में सोलह कलाओं से युक्त पूर्ण चंद्रमा का दर्शन कर उत्सव मनाया जाता है। इस दिन चंद्र किरणों से अमृत की वर्षा होती है लेकिन चंद्रमा ग्रसित हैंतो फिर उत्सव उचित नहीं है।
चन्द्र ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या नहीं-
- ग्रहण शुरू होने से पहले खुद को शुद्ध कर लें। ग्रहण शुरू होने से पहलेस्नान आदि कर लेना शुभ माना जाता है।
- ग्रहण काल में अपने इष्ट देव या देवी की पूजा अर्चना करना शुभ होता है।
- चंद्र ग्रहण में दान करना बेहद शुभ माना जाता है। ग्रहण समाप्त होने के बाद घर में गंगा जल का छिड़काव करना चाहिए।
- ग्रहण खत्म होने के बाद एक बार फिर स्नान करना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
- ग्रहण काल के दौरान खाने-पीने की चीजों में तुलसी का पत्ता डालना चाहिए।
चन्द्र ग्रहण के दौरान इन बातों का ध्यान रखें
मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के दौरान भोजन या पानी का सेवन नहीं करना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से व्यक्ति की पाचन क्षमता कमजोर होती है। जिसके कारण व्यक्ति के बीमार होने की ज्यादा संभावना रहती है। कहा जाता हैकि ग्रहण के दौरान कोई भी नया काम या मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से उस काम में असफलता मिलती है। ग्रहण के दौरान नाखून कांटना, बालों में कंघी करना और दांतों की सफाई करना अशुभ माना जाता है। कहते हैं कि ग्रहण के समय सोना भी नहीं चाहिए। कहा जाता हैकि ग्रहण के दौरान चाकू या धारदार चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से अशुभ फलों की प्राप्ति होती है।
गर्भवती महिलाएं अपना विशेष ध्यान रखें–
- ग्रहणकाल मेंप्रकृति मेंकई तरह की अशुद्ध और हानिकारक किरणों का प्रभाव रहता है। इसलिए कई ऐसे कार्यहैं जिन्हेंगर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल के दौरान नहीं किया जाता है।
- ग्रहणकाल में कैंची, सूई, चाकू या धारदार चीजों का इस्तेमाल न करें।
- ग्रहणकाल में स्नान न करें। ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करें।
- ग्रहण को खुली आंखों से न देखें। ।
- ग्रहणकाल के दौरान गुरु प्रदत्त मंत्र का जाप करते रहना चाहिए।