पितृपक्ष के पहले दिन चंद्र ग्रहण, इन टोटकों से पितर होंगे प्रसन्न और घर आएगी समृद्धि

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पितृपक्ष 2025 की शुरुआत 7 सितंबर दिन रविवार से हो रही है और इस दिन साल 2025 का अंतिम चंद्र ग्रहण लगने वाला है. जब पितृपक्ष के पहले दिन ही चंद्र ग्रहण आ जाए तो इसे अत्यंत विशेष और शक्तिशाली संयोग माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृपक्ष में पितर पृथ्वी लोक पर आते हैं और परिजनों के साथ आते हैं और उनके साथ रहते हैं. इस दौरान पितरों को प्रसन्न करने के लिए परिजन श्राद्ध कर्म, पिंडदान और दान पुण्य जैसे अनुष्ठान करते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृपक्ष के पहले दिन चंद्र ग्रहण का अद्भुत संयोग है और अगर इस दिन लाल किताब के कुछ टोटके किए जाएं तो इससे ना सिर्फ धन, दौलत, वंश, संपत्ति में वृद्धि होगी बल्कि पितर भी प्रसन्न होंगे. आइए जानते हैं पितृपक्ष में किए जाने वाले इन टोटकों के बारे में…

इस उपाय से होगी विष्णु कृपा
ज्योतिश शास्त्र के अनुसार, पितृपक्ष के हर दिन पीपल या बरगद के वृक्ष में जल चढ़ाते रहें और केसर का तिलक भी लगाएं. साथ ही इस अवधि में एकादशी का व्रत कर विष्णुजी की पूजा करें और श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ भी करें. ऐसा करने से पितृदोष से मुक्ति मिलेगी और भगवान विष्णु की कृपा भी रहेगी.
इस उपाय हर क्षेत्र में मिलेगी सफलता
परिवार में सभी सदस्यों से बराबर मात्रा में सिक्के इकट्ठा कर लें और उनको आप किसी मंदिर में दान कर दें. ऐसा आप लगातार 5 गुरुवार को करें. मतलब अगर आप जेब से 10 रुपए ले रहे हैं तो घर के सभी सदस्यों से 10-10 रुपए इकट्ठे कर लें और मंदिर में दान कर दें. या फिर आप घर में दादाजी हैं तो उनको जाकर दान कर दें. ऐसा करने से पितरों की कृपा से घर में

इस उपाय से होगा भाग्योदय
पितृपक्ष में हर रोज सुबह व शाम के समय कपूर जलाकर पूजा अर्चना करें. साथ ही कपूर को पूरे घर में भी दिखाएं. ऐसा हर रोज करने से देव दोष के साथ पितृदोष भी दूर होता है. कपूर को आप कभी घी में डूबोकर जलाएं तो कभी गुढ़ के साथ मिलाकर जलाएं. ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और घर के सभी सदस्यों का भाग्योदय होता है.
इल उपाय से पितर होंगे संतुष्ट
पितृपक्ष के पहले दिन ग्रहण है तो इस दौरान काले तिल, जल और दूध से पितरों का तर्पण करें. साथ ही गरीब व जरूरतमंद , गौ और ब्राह्मण को अन्न-दान करें. ऐसा करने से पितृदोष शांत होता है और सभी सदस्यों की सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है. साथ ही ग्रहण काल में घर के आंगन या पीपल के नीचे तिल का दीपक जलाने से पितर संतुष्ट होकर आशीर्वाद देते हैं.

इस उपाय से पितृदोष होगा दूर
पितृपक्ष में हर रोज कुत्ते, गाय, चीढ़िया, कौवा को हर रोज रोटी अवश्य खिलाएं. अगर कोई भी मिल जाए तो उस समय अवश्य खिला दें. साथ ही ग्रहण के समय मौन रहकर ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का जप करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है. साथ ही पितर प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष दूर होता है.