Thursday, December 26, 2024
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23 नवंबर को मार्गशीर्ष अमावस्या, उपाय करने से धन आगमन के साथ सारे दुःख हो जाएंगे दूर

शास्त्रों के अनुसार मार्गशीर्ष जिसे अगहन मास भी कहते हैं धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इस महीने में दान,स्न्नान धर्म कर्म करने से व्यक्ति की आयु बढ़ती है, वहीं मन को शांति और स्थिरता प्राप्त होती है। ज्योतिष के अनुसार इस माह का संबंध मृगशिरा नक्षत्र से है इसलिए इस महीने का नाम मार्गशीर्ष रखा गया है। मार्गशीर्ष मास की अमावस्या तिथि 23 नवंबर, बुधवार को है। साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि,अमृत सिद्धि योग,शोभन योग और अमृत काल जैसे महायोग का निर्माण हो रहा है,जिससे इस दिन का महत्व और भी अधिक हो जाता है। मार्गशीर्ष मास की अमावस्या पर कुछ धार्मिक उपाय करने से घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और धन आगमन के योग भी बनते हैं।

स्न्नान और तर्पण-
धर्मग्रंथों में इस दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने को बहुत फलदाई बताया गया है। साथ ही पितरों को तर्पण और भोजन अर्पित करने से पितृगण प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि और दीर्घायु का आशीर्वाद देते हैं व पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इस दिन पितरों के निमित्त असहाय एवं गरीब लोगों को भोजन कराएं,ऐसा करने से घर की आर्थिक परेशानी दूर होती है और धन संपत्ति का आगमन होता है।

शनिदेव होंगे प्रसन्न-
विशेष रूप से इस दिन शनिदेव की पूजा करने से शनिदोष का प्रभाव कम होता का है। इस दिन एक लोहे की कटोरी में सरसों का तेल लें,और इसमें अपना चेहरा देख लें,इसके बाद इस तेल को शनि मंदिर में दान कर दें। ऐसा कुछ शनिवार तक लगातार करने से शनि से जुड़ी समस्याएं काफी हद तक दूर हो जाती हैं। सर्दी के मौसम में गरीब व जरूरतमंद व्यक्तियों को ऊनी वस्त्र दान करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है और उनकी कृपा बनी रहती है।

पीपल की पूजा-
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन सूर्योदय से पूर्व या सूर्यास्त के बाद पीपल की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। सूर्योदय के समय पीपल की जड़ को दूध और जल से सीचें और फिर सरसों के तेल का दीपक जलाकर अपनी कुशलता की प्रार्थना करें । पूजा के बाद 11 परिक्रमा करें,ऐसा करने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहेगी।

कृष्णजी एवं तुलसी की पूजा-
इस दिन सुख-सौभाग्य में वृद्धि के लिए तुलसी माता की पूजा करें और उन्हें लाल रंग की चुनरी चढ़ाएं। मार्गशीर्ष अमावस्या पर मंजरी युक्त तुलसी पत्रों के द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाए तो अनंत पुन्यफलों की प्राप्ति होती है। जहां पर तुलसी लगी हुई होती है वहीं भगवान श्री कृष्ण की समीपता है तथा वहीं ब्रह्मा और लक्ष्मीजी भी सम्पूर्ण देवताओं के साथ विराजमान होते हैं। ऐसा करने से घर के क्लेश दूर होते हैं आर्थिक सम्पन्नता आती है।

गाय को भोजन कराएं-
गाय में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। विशेष रूप से इस दिन गाय को हरा चारा या सात्विक भोजन खिलाने से आपके ऊपर सभी देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है,जीवन के कष्ट दूर होते हैं।
 

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