नेहा हर रात सिरहाने रखती थी घड़ी, कुछ ही दिनों में दिखने लगे ऐसे असर कि नींद तक हो गई खराब

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आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में समय का ध्यान रखना हर किसी के लिए जरूरी हो गया है. इसी वजह से अधिकतर लोग रात में सोते समय अपने सिर के पास घड़ी या मोबाइल रखकर सोते हैं, ताकि सुबह समय पर उठ सकें या रात में आंख खुलने पर समय देख सकें. कई बार यह आदत हमें सही लगती है, लेकिन इसके पीछे छुपे नुकसान पर हम ध्यान नहीं देते. कहा जाता है कि सोते समय हमारे आसपास रखी चीजें हमारी सोच, नींद और मन पर असर डालती हैं. खासकर जब कोई चीज लगातार चल रही हो, आवाज कर रही हो या उसकी मौजूदगी का एहसास बना रहे, तो वह मन को पूरी तरह शांत नहीं होने देती. घड़ी भी ऐसी ही एक चीज है, जो बिना रुके चलती रहती है और उसकी ऊर्जा हमारे दिमाग पर असर डाल सकती है. वास्तु और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े जानकारों के अनुसार, सिर के पास घड़ी रखकर सोना कई तरह की परेशानियों को जन्म दे सकता है. यह न सिर्फ आपकी नींद खराब करता है, बल्कि धीरे-धीरे मानसिक दबाव और रिश्तों में तनाव का कारण भी बन सकता है. आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से कि सोते समय सिरहाने घड़ी रखने से कौन-कौन से बड़े नुकसान हो सकते हैं.

1. नींद में बार-बार बाधा
सिर के पास रखी घड़ी की लगातार चलती हुई गति और उसकी आवाज दिमाग को पूरी तरह आराम नहीं करने देती. नींद के समय शरीर को शांति की जरूरत होती है, लेकिन घड़ी की मौजूदगी दिमाग को सतर्क रखती है. इसका नतीजा यह होता है कि नींद बार-बार टूटती है और गहरी नींद नहीं आ पाती. लंबे समय तक ऐसा होने पर थकान, चिड़चिड़ापन और अनिद्रा की परेशानी बढ़ सकती है.

2. बुरे सपनों की समस्या
सोते समय हमारा मन सबसे ज्यादा संवेदनशील होता है. सिरहाने रखी घड़ी की लगातार चलती ऊर्जा मन के शांत प्रवाह को बिगाड़ सकती है. कई लोगों को इस वजह से बेचैनी, डरावने सपने या नींद के बीच अचानक आंख खुलने की समस्या होती है. बार-बार समय देखने की आदत भी दिमाग को तनाव में रखती है, जिससे सपनों की गुणवत्ता खराब हो सकती है.

3. मानसिक दबाव बढ़ना
रात में जब भी आंख खुलती है और सामने घड़ी दिखती है, तो मन में यह चिंता पैदा होती है कि नींद पूरी नहीं हो पा रही है. इससे दिमाग पर दबाव बनता है और बेचैनी बढ़ती है. धीरे-धीरे यह आदत तनाव, घबराहट और दिन भर सुस्ती का कारण बन सकती है. अच्छी नींद न मिलने से सोचने-समझने की क्षमता भी प्रभावित होती है.
4. रिश्तों पर असर
नींद की कमी का असर सीधे आपके व्यवहार पर पड़ता है. जब शरीर और मन दोनों थके होते हैं, तो छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना स्वाभाविक है. इसका असर आपके वैवाहिक और पारिवारिक रिश्तों पर भी पड़ सकता है. वास्तु से जुड़े लोगों का मानना है कि बेडरूम में ऐसी चीजें नहीं होनी चाहिए, जो नींद में बाधा डालें, खासकर सिर के पास.