Chaturmas: इस साल श्रावण अधिमास का संयोग 19 वर्ष बाद फिर बन रहा है। इसके चलते चातुर्मास पांच माह का होगा। हिन्दू धर्म में श्रावण मास को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। श्रावण मास में भगवान शिव की उपासना करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है और जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं।
इस बार सावन 59 दिन का
श्रावण मास में भगवान शिव जगत्पालन का प्रबंधन संभालते हैं। इस बार सावन 59 दिन का होगा। यानि श्रावण मास दो चरणों में रहेगा। सावन के महीने का शिवभक्त इंतजार करते हैं। इस महीने में पूरा वातावरण शिवमय हो जाता है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक चातुर्मास में भगवान विष्णु क्षीरसागर में शयन करेंगे। चातुर्मास की अवधि विवाह, मुंडन, कनछेदन आदि शुभ कार्यों में पांच माह में नहीं किए जाते है।
अधिमास 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगा
हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस पवित्र महीने की शुरुआत श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि विक्रम संवत 2080 यानी वर्ष 2023 में 19 वर्ष के बाद श्रावण अधिमास होगा। 4 जुलाई से सावन की शुरूआत होगी और 31 अगस्त को श्रावण के दो मास पूरे होंगे। अधिमास 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगा। अधिमास के आरंभ के पूर्व सोमवती अमावस्या का पर्व आएगा। अधिमास में शुभ और मांगलिक कार्यों पर पूरी तरह रोक रहेगी। इसमें भवन बनाना, गृह प्रवेश, देव प्रतिष्ठापन, कुएं-बावड़ी खनन आदि सभी बंद रहेंगे। इससे पहले श्रावण अधिमास का संयोग विक्रम संवत 1847, 1966, 1985, 2004, 2015बना था अब 2023, आगे आने वाले वर्षों में 2042 और 2061 में बनेगा।
सावन में दुर्लभ संयोग
इस बार शिव शक्ति का महीने सावन में दुर्लभ संयोग बन रहा है। यह दुर्लभ संयोग 19 साल बाद बन रहा है। क्योंकि शिव शक्ति का महीना एक नहीं बल्कि 2 महीने का रहने वाला होगा। सावन का महीना 4 जुलाई से प्रारंभ होकर 31 अगस्त को समाप्त होगाट ऐसे में सावन का महीना इस बार 30 दिन के बजाय 59 दिन का होगा। इस बार सावन पहले 13 दिन यानी 4 जुलाई से 17 जुलाई तक चलेगा। इसके बाद 18 जुलाई से 16 अगस्त तक अधिक मास मलमास रहेगा। इसके बाद 17 अगस्त को फिर से सावन शुरू हो जाएगा। यानी दो चरणों में सावन का महीना मनाया जाएगा।