Sunday, December 22, 2024
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दुनिया का इकलौता ऐसा मंदिर, जहां नारी स्वरूप में पूजे जाते हैं हनुमान जी

Hanuman Mandir : सनातन धर्म में ईश्वर आराधना को सर्वोत्तम माना गया हैं और हमारे देश में कई ऐसे मंदिर और तीर्थ स्थल हैं जहां लोग मन की शांति व अपनी कामना पूर्ति के लिए जाते हैं। हनुमान जी की पूजा तो पूरी दुनिया में की जाती है. लेकिन हम आपको आज एक ऐसे मंदिर के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जहां उनकी पूजा स्त्री के रूप में होती है. यह एक ऐसा मंदिर है जहां हनुमानजी देवी के रूप में भी पूजे जाते हैं.आइए जानते हैं ये मंदिर कहां स्थित है और क्या है इसकी पौराणिक कथा.

कहां स्थित है ये मंदिर

यह मंदिर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से दूर धार्मिक नगरी रतनपुर के गिरजाबांध में स्थित है. इस छोटी सी नगरी में स्थित हनुमान जी का यह विश्व में इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां हनुमान का नारी रूप में पूजन किया जाता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मंदिर में आने वाला हर एक भक्त हजारों मन्नतें लेकर आता है और इस स्थान से वो कभी भी निराश होकर नहीं लौटता.

मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा

इस मंदिर की स्थापना पृथ्वी देवजू ने की है, जो कि तत्कालीन राजा थे. एक बार की बात है कि राजा पृथ्वी को कुष्ठ रोग हो गया. इसके लिए उन्होंने सभी जतन किए, लेकिन उनका कुष्ठ रोग ठीक नहीं हुआ. तब उन्हें किसी ज्योतिष ने हनुमान जी की पूजा-उपासना करने की सलाह दी. राजा पृथ्वी ने हनुमान जी की कठिन भक्ति की, जिससे प्रसन्न होकर हनुमान जी एक रात स्वप्न में आकर बोले-अपने क्षेत्र में एक मंदिर बनवाओ, जिसके समीप एक सरोवर खुदवाओ. इस सरोवर में स्नान करने से तुम्हारा कुष्ठ रोग दूर हो जाएगा. राजा देवजू ने हनुमान जी के वचनों का पालन कर मंदिर बनवाया, सरोवर खुदवाया और सरोवर में स्नान भी किया.इससे राजा का कुष्ट रोग ठीक हो गया. इसके कुछ दिन बाद राजा को हनुमान जी का स्वप्न आया कि सरोवर में एक प्रतिमा अवस्थित है, उसे मंदिर में स्थापित करो. राजा के सेवकों ने सरोवर में प्रतिमा की तलाश की तो उन्हें एक हनुमान जी की नारी स्वरूप वाली प्रतिमा मिली, जिसे मंदिर में स्थापित किया गया.

राजा को मिली इस मूर्ति में अनेक विशेषताएं हैं.इसका मुख दक्षिण की ओर है और साथ ही मूर्ति में पाताल लोक़ का चित्रण भी है. मूर्ति में हनुमान को रावण के पुत्र अहिरावण का संहार करते हुए दर्शाया गया है. यहां हनुमान के बाएं पैर के नीचे अहिरावण और दाएं पैर के नीचे कसाई दबा हुआ है. हनुमान के कंधों पर भगवान राम और लक्ष्मण की झलक है. उनके एक हाथ में माला और दूसरे हाथ में लड्डू से भरी थाली है.

Disclaimer: यहां सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. pradeshlive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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