यूपी का यह मंदिर है मिनी बाबाधाम के नाम से प्रसिद्ध, दूसरे देश भी यहां आते भक्त, जानिए इसका इतिहास और मान्यता

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उत्तर प्रदेश का महराजगंज जिला यहां के अलग-अलग हिस्सों में स्थित धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता है. वैसे तो जिले के कई हिस्सों में बहुत से धार्मिक स्थल मौजूद है लेकिन जब हम बात करते हैं. इटहिया शिव मंदिर की तो इसकी बात सबसे अलग है.यह प्राचीन इटहिया शिव मंदिर सिर्फ महराजगंज जिले के लोगों के लिए ही आस्था का बड़ा केंद्र नहीं है. बल्कि अब राष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी अलग पहचान बन रही है.
अपने इस ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की वजह से भी इसे मिनी बाबा धाम के नाम से जाना जाता है. महराजगंज जिले के निचलौल क्षेत्र के सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिति है. यह मंदिर स्थानीय लोगों के बीच श्रद्धा का केंद्र तो है ही इसके साथ ही एक ऐतिहासिक धरोहर के रूप में भी जाना जाता है.

जमीन से निकला पंचमुखी शिवलिंग
प्राचीन इटहिया शिव मंदिर के पुजारी ने लोकल 18 को बताया कि त्रेता युग में जब दक्षिण दिशा से काकभुशुंडी महाराज और उत्तर की दिशा से भगवान शिव आ रहे थे. काकभुशुंडी ने अपने मुंह में फल की झूठी गुठली ले रखी थी जो यही पर गिर गई. समय बितता गया और कलयुग के आखिरी चरण में यहीं पर एक पेड़ विकसित हुआ. इसके साथ ही पेड़ के पास सही पंचमुखी शिवलिंग भी धीरे-धीरे निकलने लगा. अब इसी जगह एक मंदिर का निर्माण हो चुका है जो प्राचीन इटहिया शिव मंदिर के नाम से जाना जाता है. यह मंदिर महराजगंज जिले के इटिया गांव में स्थित है. इटहिया शिव मंदिर पर सावन के पावन महीने में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती देखने को मिलती है.

पड़ोसी देश नेपाल से भी आते हैं श्रद्धालु
इसके साथ ही सावन के महीने में पूरे महीने मंदिर परिसर में एक बड़े मेले का आयोजन भी होता है. सावन के महीने में यहां महराजगंज जिले के साथ-साथ आसपास के जिलों के अलावा पड़ोसी देश नेपाल से भी श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या मंदिर में आते है. महीने भर चलने वाले इस मेले में स्थानीय दुकानदारों के साथ-साथ दूर-दराज के व्यापारी भी अपनी दुकानें लगाते हैं. यहां आने वाले श्रद्धालु सिर्फ पूजा-अर्चना ही नहीं करते हैं, बल्कि मेले में झूले, खाने-पीने और धार्मिक वस्तुओं की खरीददारी का आनंद भी लेते हैं.