इस बार प्रदोष व्रत पर बन रहा सुकर्मा योग, जानें पूजा करने का मुहूर्त

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Pradosh Vrat: महीने में 2 बार प्रदोष व्रत पड़ता है। इस बार आषाढ़ माह का पहला प्रदोष व्रत बेहद शुभ योग में बन रहा है। सुकर्मा योग बनने से प्रदोष व्रत की पूजा का फल कई गुना ज्यादा मिलेगा। आषाढ़ माह का पहला प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाएगा। यह व्रत 15 जून, गुरुवार को पड़ रहा है, इसलिए इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाएगा।
प्रदोष व्रत करने वालों को ऊपर भोले नाथ की हमेशा कृपा बनी रहती है। गुरु प्रदोष व्रत है लिहाजा इस दिन भगवान विष्णु की भी पूजा करें इससे कई गुना ज्यादा लाभ होगा।

प्रदोष व्रत में पूजा करने का मुहूर्त

सुकर्मा योग प्रदोष व्रत के दिन सुबह से ही शुरू हो जाएगा और रात तक रहेगा। सुकर्मा योग को पूजा-पाठ, शुभ काम करने के लिए बहुत शुभ माना गया है। पंचांग के अनुसार, इस साल आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 15 जून गुरुवार की सुबह 08 बजकर 32 मिनट से लग रही है और 16 जून शुक्रवार की सुबह 08 बजकर 39 मिनट पर समाप्‍त होगी।

प्रदोष व्रत में शाम के समय प्रदोष काल में पूजा की जाती है, लिहाजा आषाढ़ का पहला प्रदोष व्रत 15 जून, गुरुवार को रखा जाएगा। वहीं प्रदोष व्रत पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त 15 जून की शाम 07 बजकर 20 मिनट से रात 09 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। यानी कि पूजा के लिए करीब 2 घंटे का समय मिलेगा। वहीं अमृत काल शाम 07 बजकर 20 मिनट से रात 08 बजकर 36 मिनट तक रहेगा। इस समय में पूजा करना श्रेयस्कर रहेगा।