Sunday, September 24, 2023
Homeधर्मभगवान शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है जानिए महत्व

भगवान शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है जानिए महत्व

Sawan 2023: सनातन धर्म में भगवान शिव को अविनाशी बताया गया है। शिवजी का न आदि है, न अंत है। देवों के देव महादेव सच्चे मन से की गई थोड़ी सी पूजा से ही प्रसन्न हो जाते हैं। भोलेनाथ का रहन-सहन, आवास और गण अन्य देवताओं से भिन्न है। शास्त्रों के अनुसार शिवजी को भस्म अति प्रिय है इसलिए वह अपने तन पर इसे धारण करते हैं। भस्म दो शब्दों भ और स्म से बना है। भ अर्थात भर्त्सनम अर्थात नाश हो और स्म अर्थात स्मरण । इस प्रकार शाब्दिक अर्थ में भस्म के कारण पापों का दलन होकर ईश्वर का स्मरण होता है। इसे लगाने का एक सांकेतिक महत्व भी है कि यह लगातार हमें जीवन की नश्वरता की याद दिलाती रहती है।

भस्म का महत्व

शिव पुराण के अनुसार भस्म धारण करने मात्र से ही सभी प्रकार के पापों का नाश हो जाता है। भस्म को शिवजी का ही स्वरूप माना गया है शिव पुराण में नारदजी को भस्म की महिमा बताते हुए ब्रह्माजी कहते हैं कि यह सभी प्रकार के शुभ फल देने वाली है और जो मनुष्य इसे अपने शरीर पर लगाता है उसके सभी दुख व शोक नष्ट हो जाते हैं। भस्म शारीरिक और आत्मिक बल को बढ़ाकर मृत्यु के समय भी अत्यंत आनंद प्रदान करती है।

शिवजी को भस्म अर्पित करने के फायदे

शिव वैरागी हैं, इसलिए उन्हें भस्म चढ़ाना भी अच्छा माना जाता है। वैदिक धर्म ग्रंथों के अनुसार शिव का श्रृंगार भस्म से करने पर भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं,सभी कष्ट दूर कर देते हैं। इसके अलावा इसे चढ़ाने से भक्त का मन सांसारिक मोह माया से मुक्त होता है। मान्यता है कि स्त्रियों को शिवलिंग पर भस्म नहीं चढ़ाना चाहिए, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।

पौराणिक मान्यता

धार्मिक मान्यता के अनुसार, एक बार लोग राम नाम कहते हुए एक शव लेकर जा रहे थे, तब शिवजी ने उनको देखा और कहा कि ये मेरे प्रभु का नाम लेकर शव लेकर जा रहे हैं। तब शिवजी श्मशान पहुंचे और जब सब लोग चले गए तो महादेव ने श्रीराम का स्मरण किया और उस चिता की भस्म को अपने शरीर पर धारण कर लिया। इसी तरह एक अन्य कथा के अनुसार, जब सती की मृत्यु के बाद शिव तांडव कर रहे थे, तब श्रीहरि ने अपने सुदर्शन चक्र से सती की मृत देह को भस्म कर दिया था। तब भगवान शिव देवी सती के वियोग का दर्द सहन नहीं कर सके और उन्होंने उसी समय सती की भस्म को अपने तन पर लगा लिया। मान्यता है कि तब से शिवजी को भस्म अतिप्रिय है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments