सनातन धर्म में कई पौधों को पूजनीय माना जाता है. तुलसी, पीपल, बरगद, केला और बेल सबसे प्रमुख हैं. इन पौधों का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है और इनकी पूजा विभिन्न त्योहारों और अनुष्ठानों में की जाती है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि नीम का पौधा भी बहुत शुभ माना जाता है. नीम का पेड़ शनि के दोषों को खत्म कर सकता है.
उन्नाव के ज्योतिषाचार्य ऋषिकांत मिश्र शास्त्री के मुताबिक, नीम कई औषधीय गुणों से भरपूर होने के साथ कई वास्तु दोषों को खत्म करने में अहम भूमिका निभाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नीम के पेड़ को घर के बाहर सही दिशा में लगाने से घर में बरकत होने लगेगी. आइए जानते हैं आखिर नीम के पेड़ महत्व क्या है और घर के बाहर लगाने के फायदे क्या हैं?
हिन्दू धर्म में नीम के पेड़ का विशेष महत्व होता है. घर के बाहर नीम का पेड़ होने से नकारात्मक शक्तियों की हानि होती है. इसके साथ ही यह शनि, राहु-केतु की पीड़ा से भी बचाता है. ऐसे में यदि घर के बाहर सही दिशा में इस पेड़ को लगाते हैं तो घर की बरकत होने लगती है.
घर के बाहर नीम का पेड़ होना बेहद फलदायी माना जाता है. इस पेड़ का सीधा संबंध मंगल ग्रह से होता है. इसके साथ ही केतु और शानि ग्रह भी इससे संबंध रखते हैं. ऐसे में यदि आप नीम का पेड़ लगाना चाहते हैं तो दक्षिण दिशा बेहद शुभ रहेगी. दक्षिण दिशा में नीम का पेड़ लगाने से घर में लंबे समय से रुकी बरकत दोबारा से शुरू हो जाएगी.
हिन्दू धर्म में नीम के पेड़ को नीमाड़ी देवी कहा जाता है. इस पेड़ में देवी का वास होने से इसका पूजन किया जाता है. मान्यता है कि इस पेड़ की लकड़ियों से हवन करने से वास्तु दोष दूर हो जाते हैं. परिवार में सुख-शांति आती है और पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है. इसके अलावा नीम की पत्तियों से घर में धुआं करने से नकारात्मक शक्तियां नष्ट होती है.
नीम के पेड़ का मंगल ग्रह से संबंध होता है. इसके चलते इस पेड़ पर जल अर्पित करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं, जिसके फलस्वरूप वह मंगल के दुष्प्रभाव के खत्म करते हैं. इसके साथ ही, नीम की माला पहनने से शनि के दोषों को टाला जा सकता है. वहीं, कुंडली में केतु ग्रह शांत करने के लिए नीम की पत्तियां पानी में डालकर स्नान करें. ऐसा करने से आपको कई समस्याओं से छुटकारा मिलता है.